











ग्रामीणों को जैविक खेती का पाठ भी पढ़ा रही है यह गौशाला
समाज के साझा प्रयासों से हो रहा है गौवंश का संरक्षण
ग्वालियर 23 नवम्बर 2024/ ग्वालियर जिले के ग्राम जुझारपुर में स्थित “श्रीकृष्ण गौशाला” ने साझा प्रयासों से निराश्रित गौवंश के बेहतर संरक्षण की मिसाल कायम की है। यहाँ पर 225 निराश्रित गौवंश का संरक्षण तो हो ही रहा है। साथ ही यह गौशाला क्षेत्रीय ग्रामीणजनों को जैविक खेती का पाठ भी पढ़ा रही है। गाँव के नजदीक बंजर पड़ी चरनोई भूमि को गौशाला समिति ने जैविक खेती के जरिए उपजाऊ बना दिया है। इससे प्रभावित होकर क्षेत्रीय ग्रामीणजन भी गौशाला के संचालन में भरपूर सहयोग कर रहे हैं। बेहतर गौ संरक्षण कार्य के लिये इस गौशाला को सन् 2022 में जिला पंचायत द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
जिले की चीनौर तहसील की ग्राम पंचायत बड़ेरा भारस से जुड़े ग्राम जुझारपुर में यह गौशाला विमलावती कपूर चैरिटेबल हॉस्पिटल, जिला प्रशासन, संतजन, मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड एवं क्षेत्रीय सेवाभावी नागरिकों के साझा प्रयासों से गौवंश का संरक्षण कर रही है। निराश्रित गौवंश को विमलावती कपूर चैरिटेबल हॉस्पिटल द्वारा पिछले तीन साल से हरे चारे की व्यवस्था करने मे मदद दी जा रही है। इसी तरह गौशाला के नजदीक स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी द्वारा गौशाला परिसर में वृक्षारोपण जैसे रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही अन्य प्रकार की मदद प्रदान की जाती है। गौवंश की सेवा के लिये प्रबंधन समिति द्वारा 8 कर्मचारी रखे गए हैं। गौवंश के इलाज के लिये पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सक भी नियमित रूप से गौशाला पहुँचते हैं।
आत्मनिर्भरता के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी तैयार कर रही है गौशाला
गौशाला शासन पर निर्भर न रहकर आत्मनिर्भर बने। इस उद्देश्य से यहां पर गौवंश के गोबर व दूध इत्यादि से विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं। जिनमें गोबर के दीपक, गौ काष्ट, गौ घृत व केंचुआ खाद शामिल है। संत वृंद श्री हरीशरण दास जी व श्री श्रवणानंद दास जी एवं सेवादार भक्त गोविंददास, गोपाल व सरदारी लाल की देखरेख में गौवंश की सेवा की जाती है। साथ ही क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों के किसानों को समय-समय पर जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है।
इन सभी का सहयोग भी महत्वपूर्ण
गौशाला के संचालन में सेवाभावी नागरिक डबरा के सर्वश्री बलवीर सिंह परिहार, ज्ञान सिंह परिहार, उपेन्द्र पंडितजी, मुकेश सचदेवा तथा महेश किरार कछौआ, ग्राम एराया के कमलेश भार्गव, बृजेश बघेल व सुनील शर्मा, ग्राम भारस के कल्याण सिंह गुर्जर, रविन्द्र गुर्जर व श्रीमती सुलेखा गुर्जर, भूपेन्द्र गुर्जर बड़ेरा, जुझारपुर के नंदकिशोर, राघवेनद्र राजपूत, बंटी राजपूत, सिद्धार्थ राजपूत व नलूवाजी जुझारपुर व अनिल शर्मा आंतरी सहित अन्य समीपवर्ती गाँवों के लोगों का सहयोग मिल रहा है।
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