एक अन्न के दाने की कीमत: समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया का संदेश

छिंदवाड़ा जिले के परासिया कोयलांचल क्षेत्र में समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने एक अन्न के दाने की कीमत को समझाने के लिए एक प्रेरक कहानी साझा की है।
उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जी ने ऋषि दुर्वासा सहित उनके हजारों अनुयायियों शिष्यों का जत्था का केवल एक चावल के दाने से ही पेट भर दिया था।
उन्होंने आगे बताया कि हमारे देश के किसान भाई रात दिन जत्तो जहत मेहनत करते हैं ताकि हमें अन्न मिल सके। हमारे घरों की महिलाएं सर्दी गर्मी बारिश वर्ष के 365 दिन रात अग्नि में तपते हुए हमारे लिए भोजन को तैयार करती हैं।
उन्होंने हमें अन्न की महत्ता को समझाने के लिए कहा कि हमें अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए। हमें केवल उतना ही अन्न लेना चाहिए जो हम खा सकते हैं उच्च ताकि अन्न की बर्बादी न हो।
उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी थाली में उतना ही अन्न लेना चाहिए जो हम खा सकें। अर्थात उतना ही लो थाली में की जो न जाए नाली में।
आइए हम सभी अन्न की महत्ता को समझें और इसका सम्मान उच्च करें। अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव करने होंगे। हमें अपने घरों में अन्न की बचत करनी होगी और इसका उपयोग करना होगा।
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