पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने मुनि संघ का किया चरणाभिषेक
आष्टा /किरण रांका
जीवन है पानी की बूंद कब मिट जाए रे , होनी अनहोनी कब घट जाए रे …..
अध्यात्म जगत में अत्यन्त लोकप्रिय तथा जीवन की नश्वरता को उजागर करते इस भजन सहित 8 हजार से भी अधिक छंदों के रचयिता , श्रमण संस्कृति के उन्नायक तथा कठोर तपोबल से आत्म धर्म को साधते आचार्य गुरुवर विनम्र सागर जी महाराज का आज नगर में ससंघ मंगल प्रवेश हुआ ।
पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने नगर के प्रवेश द्वार किलेरामा स्थित अपने आवास पर परिवार सहित आचार्य संघ का चरणाभिषेक कर उनकी अगवानी की । उनके साथ दिगम्बर जैन समाज के पूर्वाध्यक्ष यतेंद्र श्रीमोढ समाज सेवी सुनील प्रगति , धर्मेंद्र श्रद्धा , संजय बाबूजी , राजेश जैन , संजय जैन , पारस जैन ,सचिन श्रीमोढ , राजेन्द्र जैन ने भी श्रीफल भेंट कर मुनि श्री से आशीर्वाद लिया ।
जैन समाज के पूर्वाध्यक्ष यतेंद्र श्रीमोढ ने पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार की संत निष्ठा और उनके सार्वजनिक जीवन का उल्लेख करते हुए आचार्य श्री से पूरे परमार परिवार का परिचय कराया । आचार्य विनम्र सागर जी ने कहा कि आपका पुण्य प्रबल है जो सम्पूर्ण जैन समाज आपके द्वार तक आया है । परमार परिवार ने आचार्य संघ का आभार व्यक्त करते हुए सभी जैन श्रावकों का अभिनन्दन किया ।
इस अवसर पर आचार्य श्री विनम्र सागर जी महाराज ने कहा कि नियम बद्धता और अनुशासन का पालन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । तर्क वितर्क से परे हो कर कठोर तप हमे आत्मानुशासित बनाए रखता है । शिथिलता मौलिक धर्म को नष्ट कर देती है । जैनत्व में आहार विहार और निहार चर्या के नियम लौकिक जीवन मे भले ही थोड़े कठोर दिखें लेकिन यही नियम आत्म कल्याण के लिए साधना में सहायक सिद्ध होते हैं ।
आचार्य श्री ने अपने आशीर्वचन में कहा कि परमार्थ के लिये प्रतीक्षा नही करनी चाहिए । हर पल एक सुअवसर है । आचार्य श्री ने विहार के दौरान धर्म चर्चा में कहा कि साधनों से विमुख हो कर साधना करना ही साधुत्व की पहचान है ।
आचार्य विनम्र सागरजी महाराज के साथ 17 पिच्छिधारी साधु साध्वियां विहार रत हैं । आज नगरागमन पर उनकी शानदार अगवानी हुई । आचार्य संघ किला मन्दिर पहुंचा । नगर भर में श्रावकों ने मुनि महाराज तथा आर्यिकाओं के लिये चौके लगा कर उन्हें आहार करवाया ।
ग्राम किलेरामा में पूर्व सरपंच मधुसूदन परमार , अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह परमार लोकेंद्र सिंह , हंसराज परमार सहित अपना आचार्य भक्ति कर अपना जन्मदिन मना रहे मन मोहन परमार सहित सभी ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया ।


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