आष्टा/किरण रांका
माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला माना गया है, शीतला सप्तमी का पर्व कई मायनों में महत्वपूर्ण भी है। मान्यता है कि शीतला माता चर्म रोगों से भक्तों की रक्षा करती हैं, यही वजह है कि शीतला सप्तमी का पर्व ऋतु परिवर्तन का संकेत भी देता है। अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु के वरदान और पारिवारिक सुख-शांति बनाये रखने के लिये आज के दिन माता शीतला की विधि-पूर्वक बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। इन्हीं सबके चलते नगर के सिकंदर बाजार स्थित प्राचीन माता शीतला के मंदिर में महिलाओं की अल सुबह से ही कतारे लगना प्रारंभ हुई जो दोपहर तक निरंतर बनी रही।
नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा एवं नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने मंदिर की व्यवस्थाओं को देखने महिलाओं के पूजा आगमन के पूर्व पहुंचे और मंदिर समिति से चर्चा कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। नपाध्यक्ष श्रीमती मेवाड़ा ने माता शीतला के दर्शन कर वहां मौजूद महिलाओं को शीतला सप्तमी की शुभकामनाएं देते हुए माता की पूजा-अर्चना की। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने बताया कि सप्तमी की पूर्व बैला पर मंदिर में बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित होकर पूजा-अर्चना करती है, उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी एवं असुविधा न हो इसके लिए मंदिर समिति से चर्चा कर नगरपालिका द्वारा प्रकाश, जल एवं सफाई की समुचित व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, नरेन्द्र शर्मा, महेनद्र भूतिया, मनोज पाठक, राजा मेवाड़ा, जयप्रकाश राठौर सहित बड़ी संख्या में मातृशक्तियां मौजूद थी।
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