आष्टा/किरण रांका
यह बात घनश्याम जांगड़ा, उपाध्यक्ष, मप्र कांग्रेस अनु जाति विभाग भोपाल ने कही है। उनका मानना है कि फसल खराब होने से किसानों को पहले ही बड़ा नुकसान होता है, और बिजली काटने से उनकी परेशानी और बढ़ जाती है ¹।
किसानों को फसल खराब होने के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाता है। इसके अलावा, पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक कारणों से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाता है ²।
इसलिए, फसल खराब होने के कारण गांवों की बिजली काटना उचित नहीं है। सरकार को किसानों की परेशानी को समझना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।
फसल खराब होने के कारण किसान और उनसे जुड़े लोग विशेषकर दलित, आदिवासी अपना बिल नहीं भर पाए हैं। और बिजली विभाग द्वारा उनकी बिजली काटने से नया संकट पैदा हो गया है।बिजली के अभाव में कई बीमारियों ने अपने पैर जमा लिए हैं।
जिन गावो की बिजली काटी उनको यथाशीघ्र जोड़ना चाहिए।
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