पन्ना जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
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कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार ने म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत जनहित में पन्ना जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। जिले के सभी ब्लॉक और नगरीय क्षेत्रों में उक्तादेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है। यह आगामी 20 जुलाई तक लागू रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड पन्ना के कार्यपालन यंत्री द्वारा सिंचाई इत्यादि कार्यों में भू-गर्भीय जल का अत्यधिक दोहन होने के कारण पेयजल स्त्रोतों के जल स्तर में कमी आने तथा इससे नलकूपों व अन्य जल स्त्रोतों के जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज होने सहित जिले में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना संबंधी प्रस्तुत प्रतिवेदन के दृष्टिगत जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की कार्यवाही की है। ईई पीएचई द्वारा पेयजल संकट के स्थिति के मद्देनजर एवं सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों की क्षमता प्रभावित होने की संभावना के दृष्टिगत निजी नलकूप खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने के साथ जनहित में पेयजल व अन्य निस्तार समस्याओं को ध्यान में रखकर आम जनता के लिए पेयजल आपूर्ति की उपलब्धता एवं इसका समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए भी जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की अनुशंसा की गई थी।
नवीन नलकूप खनन पर रहेगी रोक
पन्ना जिले में जल अभावग्रस्त क्षेत्र संबंधी आदेश प्रभावशील होने के फलस्वरूप सभी विकासखण्ड और नगरीय क्षेत्रों के समस्त नदी, नालों, स्टॉप डैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग एवं घरेलू प्रयोजन के लिए भी इनका उपयोग सुरक्षित किया गया है। साथ ही जिले में निर्धारित अवधि तक कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा निजी ठेकेदार बगैर एसडीएम की अनुज्ञा के किसी भी प्रयोजन के लिए नवीन नलकूप का खनन नहीं कर सकेगा। शासकीय नलकूप खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। इसके अलावा बगैर अनुमति के कोई भी व्यक्ति शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों में पेयजल एवं घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रयोजन के लिए नहरों में प्रवाहित जल के अलावा अन्य स्त्रोतों का जल दोहन एवं किन्हीं भी साधनों द्वारा जल का उपयोग नहीं कर सकेगा। स्वयं की निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य के लिए संबंधित एसडीएम को निर्धारित प्रारूप एवं नियत शुल्क के साथ आवेदन करना आवश्यक है।
जिल मजिस्ट्रेट द्वारा नलकूप खनन की अनुज्ञा के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को उनके क्ष़्ोत्राधिकार अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। एसडीएम द्वारा अनुमति के पूर्व आवश्यक जांच और परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। साथ ही अनुमति के संबंध में संबंधित जनपद पंचायत सीईओ, तहसीलदार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी से भी अभिमत प्राप्त करना होगा। एसडीएम सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाने के कारण तथा वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में निजी पेयजल स्त्रोतों का निर्धारित अवधि के लिए अधिग्रहण करने के साथ आदेश के उल्लंघन पर अधिनियम की धाराओं में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही कर सकंेगे। आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के निर्देश समस्त अनुविभागीय मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना प्रभारी, पीएचई के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी, नगरीय निकायों के सीएमओ, जनपद पंचायत सीईओ तथा समस्त ग्राम पंचायत सचिवों को दिए गए हैं।
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