*सहायक आयुक्त कार्यालय में नियमों की उड़ रही धज्जियां*
दसाई और आसपास के स्कूलों में नहीं हो रही पढ़ाई*
स्थानीय शिक्षकों का जमावड़ा, वर्षों से जमकर काट रहे चांदी*…..
* *सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर जिम्मेदारों का नहीं है ध्यान*
सरदारपुर से राहुल राठौड़
दसाई ।सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय धार के अधिकारियों और बाबुओं की मेहरबानी से 10साल से अधिक समय से जमे शिक्षक शिक्षिका दसई के प्राथमिक, माध्यमिक, एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में अंगद के पैर की तरह जमे हुए हैं ।अधिकतम शिक्षक एवं शिक्षिका स्थानीय है जो बच्चों की शिक्षा से ज्यादा उन्हें घर व खेत के निजी कार्य को प्राथमिकता देते हैं। , बच्चों की शिक्षा एवं उनके भविष्य कीसमय से कोई चिंता नहीं है शिक्षा को प्राथमिकता ना देकर घर व खेत को प्राथमिकता दी जा रही है
स्थानीय छुटभैयो के सपोर्ट से 10 सालों से अधिक समय से एक ही जगह स्थिर जमे हुए हैं। ऐसे में सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग धार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्षेत्र में वर्षों से जमे शिक्षक व शिक्षिकाओ पर सरकार की ट्रांसफर नीति इन पर क्यों नहीं हो रही है लागू। क्या यह सहायक आयुक्त की मेहरबानी से यहां जमे हुए हैं या किसी नेताओं की नेतागिरी से जमे हुए हैं। आखिरकार बच्चों के भविष्य के साथ कब तक खिलवाड़ होता रहेगा ।
*ग्रामीणों का आरोप*
नाम ना छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने हमें सूचना दी कि उन्होंने इन शिक्षक शिक्षिकाओं की शिकायत पूर्व में भी सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग में की थी लेकिन अफसर और बाबुओं की मेहरबानी से यहां कई शिक्षक 10 साल से अधिक जमे हुए हैं और बच्चों को पढ़ाना छोड़कर सारे काम कर रहे हैं । इस संबंध में सहायक आयुक्त और कार्यालय के बाबुओं के खिलाफ शीघ्र ही ग्रामीणजन मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री से मिलकर मय सबूत के ज्ञापन देंगे।
जिम्मेदार का कहना
इस मामले की शिकायत अगर मेरे पास आती है तो मैं इस मामले को दिखावता हूं
नरोत्तम बरकडे़
जनजातिय सहायक आयुक्त धार
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