Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 31, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

धर्मेंद्र सिंह गुर्जर की रिपोर्ट

दिल्ली के फरीदाबाद के सूरजकुंड में गुर्जर समाज की गौरवशाली परंपराओं, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकजुटता का अद्वितीय उदाहरण बनकर गुर्जर महोत्सव मेला पूरे वैभव और उल्लास के साथ आयोजित किया गया है। यह तीन दिवसीय भव्य आयोजन 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चल रहा है, जिसने क्षेत्र को गुर्जर संस्कृति के रंगों से सराबोर कर दिया है।महोत्सव स्थल पर गुर्जर समाज की लोक कला, ऐतिहासिक परंपराएं, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक पहचान को अत्यंत आकर्षक और जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है। समाज के सभी गोत्रों की भव्य चौपालें सजाई गई हैं, जहाँ सामाजिक संवाद, परंपरागत विचार-विमर्श और आपसी एकता की मजबूत झलक देखने को मिल रही है।
मेले में गुर्जर समाज के खान-पान, रहन-सहन, वेशभूषा और पारंपरिक जीवनशैली की शानदार प्रदर्शनियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इन प्रदर्शनियों के माध्यम से न केवल समाज की विरासत को प्रदर्शित किया गया, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का सशक्त प्रयास भी किया गया।
इस ऐतिहासिक महोत्सव की एक बड़ी विशेषता रही गुर्जर एजुकेशन मिशन की प्रभावशाली प्रदर्शनी, जिसमें युवाओं को आधुनिक प्रशिक्षण देकर रोजगार और स्वावलंबन से जोड़ने की पहल को प्रमुखता से दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी को सफल बनाने में भाई विकास नागर,मनोज नागर , एवं यशी गुर्जर आदि बहनों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही, जिन्होंने शिक्षा को समाज की प्रगति की रीढ़ बताया।
महोत्सव के दौरान आयोजित गुर्जर संवाद कार्यक्रम में फरीदाबाद के युवा वक्ता अंशुल नागर ने भाग लिया और समाज के सामाजिक, शैक्षिक एवं भविष्य की दिशा को लेकर अपने ओजस्वी और प्रेरणादायक विचार रखे, जिन्हें उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा।
इस महोत्सव की सबसे खास और प्रेरणादायक झलक रही गुर्जर समाज की बहन-बेटियों की सक्रिय भागीदारी। पारंपरिक परिधानों में सजी बहन-बेटियाँ सांस्कृतिक गीतों और नृत्यों के माध्यम से मंच पर समाज की संस्कृति को जीवंत करती नजर आईं। उनके आत्मविश्वास और उत्साह ने पूरे आयोजन को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।
कुल मिलाकर गुर्जर महोत्सव मेला केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि गुर्जर समाज की एकता, स्वाभिमान, गौरव और स्वतंत्रता ठाठ-बाट का विराट महाकुंभ बनकर उभरा है। हर ओर गुर्जर समाज का अलग ही रुतबा, गरिमा और शान देखने को मिली, जिसने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया