ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज24×7इंडिया


अन्नदाता लूटने को मजबूर
मध्यप्रदेश में चम्बल संभाग खाद की कालाबाजारी में निकला नम्बर 01 पर इधर राज्य और केंद्र सरकार किसानों के साथ हजारों वादे करती है लेकिन जब किसानों की फसल की बुआई का समय आता हैं तो नेता कान में रुई डालकर सो जाते हैं । देखिये किसानों दर्द हम बयां करते हैं

किसानों का खाद अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया डीएपी 1200 सो रुपए से बढ़कर 1300 सौ एवं 1400 सो रुपए एवं यूरिया खाद ₹270 से अब 300 से ₹400 तक बिक रहा है किसानों की सरसों की बुवाई का समय हो गया है इधर खाद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है ।किसानों का कहना है की हम सभी किसान भाइयों की बुवाई का समय हो गया है और खाद नहीं मिल पा रहा है सोसाइटी पर जाते हैं तो सोसायटी के सेक्रेटरी वह सचिव मना कर देते हैं कि हमारे यहां कोई भी खाद नहीं है वही किसान अगर प्राइवेट दुकान खाद की खरीदारी कर रहे हैं तो उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं ऐसे में किसान परेशान घर वापस लौट रहा है किसानों का कहना है कि एक और कोरोना महामारी के चलते हमारे सभी कामकाज बंद हो गए हैं तो दूसरी खाद खरीदने आए हम लोगों को लूटा एवं ठगा जा रहा है ऐसे में हम क्या करें
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