Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 9, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

कमलेश कावड़कर रिपोर्टर

संत सिंगाजी महाराज श्री रमेश जी महाराज के मुखारविंद से परचरी पुराण का शुभारंभ

कलश यात्रा निकालकर किया शुभारंभ संगीतमय परचरी पुराण कथा
भैंसदेही :-
भैंसदेही के पावन नगरी बड़गांव में चल रही पांच दिवसीय संगीतमय परचरी पुराण कथा वाचक प्रसिद्ध संत श्री रमेश जी महाराज के मुखारविंद से किया जा रहा है रमेश येवले द्वारा बताया गया कि भैंसदेही ब्लॉक के ग्राम बडगांव मे हनुमान मंदिर में सभी ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक रूप से कराई जा रही परचरी पुराण संत श्री सिंगाजी महाराज की परचरी पूराण का संगीतमय आयोजन किया जा रहा है संत श्री पं,रमेश जी महाराज सिंगाजी धाम जिला खण्डवा के मुख वाणी से बुधवार को बड़गांव में कलश यात्रा में शामिल होकर ग्रामीणों के साथ कलश यात्रा निकाली गई समस्त ग्रामीणों ने धूमधाम से यात्रा निकाली पूरे बड़गांव में भगवा रंग में रंग दिया गया कथा मे प्रथम दिवस गुरु शिस्य प्रणाली ,,श्रृंगी ऋषि का कलियुग मे सिंगाजी अवतार की बताई गई उन्होने कहा की ,नर्मदा के दक्षिण तट क्षेत्र गोंडवाना क्षेत्र कहलाता है गुरु महाराज के परचरी पुराणे अनुसार यह भूमि बड़ी पवित्र मानी जाति है लेकिन यहाँ ग्याण की कमी होने के कारण श्रृंगी ऋषि गुरु सिंगाजी महाराज के रूप मे एक सिद्ध पुरुष ने बैसाख सुती नवमी तिथि को नगर खजुरी ग्वाल(यादव) वंश मे अवतारित हुए जो खजुरी गाँव जिला खरगौन तहसील बडवाणी(वर्तमान जिला) है जिनकी धर्म पताका आज जिला बडवाणी खरगौन, खण्डवा, हरदा, होशंगाबाद तथा बैतुल के साथ कई जिले मे प्रसिद्ध है । मृत्युलोक मे अधर्म का बडता साम्राज्य को देख भगवान ने संत जनो व देवगणो की सभा बुलाई और कहा की कलियुग मे पाप बड रहा है और ग्याण की कमी है इसलिए आपलोग मे से कोई माहात्मा श्रृगी मृत्युलोक मे जाकर ग्याण का प्रचार करे धर्म की स्थापना करे वही श्रृंगी ऋषि ने 498 साल पहले सिंगाजी महाराज के रूप मे बडवाणी के ग्राम खजुरी मे जनम लिया। उन्होने कहा- अहंकार ही पाप का मूल जड़ है जो व्यक्ति को पतन की ओर ले जाता है इसलिए अवसर है अभी चेत जाए मोह माया के भ्रम से बाहर निकलकर सतसंग का मार्ग अपनाने का प्रयत्न करे।

भैंसदेही से कमलेश कावड़कर की रिपोर्ट