Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 10, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

ब्यूरो वाजिद अली कुरेशी

महू व भारत की समस्त 62 कैंटोनमेंट के रहवासियों व यहां के बंगला, बगीचा रहवासियों के लिए खुशखबर व एक सार्थक पहल इनकी आजादी के लिए।

छावनी भूमि प्रशासन नियम 2021 को लागू कर केंद्र सरकार ने महू के बंगला बगीचा के रह वासियों को आजादी के बाद से चली आ रही जटिल आवासीय और व्यवसायिक समस्या से निजात दिलाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
संजय जायसवाल ने बताया कि उक्त नियम के अनुसार रक्षा संपदा विभाग की वह भूमि जो विभाग के काम नहीं आ रही है। को नीलामी एवं प्राइवेट करार के द्वारा 90 साल की लीज पर आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए दिया जा सकेगा। लीज 30-30 साल के तीन चरणों में होगी। कृषि भूमि की लीज 1 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दी गई है।नियम क्रमांक 26 के उपनियम एक और दो के अंतर्गत प्राइवेट करार के द्वारा आवासीय या व्यवसायिक उपयोग के लिए उन संपत्तियों को जो पहले से ही उपयोग में आ रही है पूर्णतया अथवा भागतः॥सब-डिवीजन॥ रूप में लीज पर लिया जा सकेगा ।इस हेतु उन्हें अपने ओल्ड ग्रांट सरेंडर करनी होगी।
समस्त प्रक्रिया के अधिकार जनता के हित को ध्यान में रखते हुए रक्षा संपदा अधिकारी को दिए गए हैं। ताकि जनता को लखनऊ और दिल्ली के चक्कर न लगाने पड़े। लीज की रकम का निर्धारण जिला कलेक्टर की गाइडलाइन के अनुसार तय किया जाएगा।
छावनी भूमि प्रशासन नियम 2021, 23 जून 2021 को सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन के द्वारा प्रकाशित किया गया था। और 1 माह का समय सुझाव एवं आपत्तियों के लिए दिया गया था। तत्पश्चात 1 दिसंबर 2021 को उक्त नियम संपूर्ण भारतवर्ष की 62 कैंटोनमेंट में लागू हो चुका है एवं 1 अप्रैल 2022 से अमल में लाया जाएगा। उक्त नियम से कैंटोनमेंट के बंगला बगीचा के रहवासियों को अपनी आवासीय समस्याओं का समाधान तो मिलेगा ही साथ ही वह अपनी आर्थिक गतिविधियों को भी बिना किसी डर से संचालित करते हुएअपना भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे।
महू व भारत की 62 कैंटोनमेंटो और उनके रहवासियों के लिए यह बहुत ही सुखद खबर है। यह केवल एक शुरुआत है इन 62 कैंटोनमेंटो जो आजादी के पहले देश की श्रेष्ठ शहरों में गिने जाते थे। इन अंग्रेजी कानूनों के कारण आजादी के बाद से ही निरंतर बिछड़ते गए और जो अब अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आदेश यह आदेश इन 62 कैंटोनमेंटों जिसमें महू भी शामिल है की आजादी के लिए व उनके समग्र विकास के लिए एक पहल साबित होगा।हालांकि यह केवल एक शुरुआत है। इनमें कई संशोधनों की आवश्यकता है कई सुधार शेष है परंतु हमें इन कैंटोनमेंटो की पूर्ण आजादी जिसमें इन्हें पूर्ण रूप से कैंटोनमेंट व उसके अंग्रेजी कानून से मुक्त करा कर इन्हें नगर निगम बनाना है। इन्हें राज्य शासन के अधीन लाना है। जिससे इनमें सभी केंद्रीय व राज्य योजनाएं लागू हो सके इनका अपना बजट बन सके व अलॉटमेंट हो सके। इन 62 कैंटोनमेंट टो में निवास कर रहे नागरिकों को उनके मौलिक व पूर्ण अधिकार जो आजादी के बाद भारतीय संविधान ने देश के नागरिकों को प्रदान किए हैं वे सारे अधिकार यहां की जनता को भी मिल सके।