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Dharmendra Singh

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June 2025
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June 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

न्यूज़ 24x 7 इंडिया के लिये संवाददाता सचिन जैन के साथ योगेश गुप्ता
ब्यूरो रिपोर्ट 8305413100✍️

भगवान भरोसे चल रहे सड़क निर्माण के काम एसडीओ बोले हम 24 घण्टे नही बैठ सकते

मामला- तीन करोड़ की लागत से सिंग्नवाड़ी से बैतूलबाजार के बीच बनाई जा रही घटिया सड़क का

बैतूल। बैतूल में लोक निर्माण विभाग के काम भगवान भरोसे चल रहे हैं। कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी सड़कों के घटिया काम उनकी साख पर बट्टा लगा रहे हैं। घटिया निर्माण की निगरानी करने की जिम्मेदारी निभाने वाले लोक निर्माण विभाग के अफसर भी ठेकेदारों को घटिया निर्माण करने की खुली छूट देकर कलेक्टर के निर्देश को हवा में उड़ा रहे हैं। 

तीन करोड़ की लागत से सिंग्नवाड़ी से बैतूलबाजार के बीच बनाई जा रही घटिया सड़क का मामला सामने आने के बाद भी विभाग के अफसरों ने मौके पर झांकने तक कि जहमत नही उठाई है। मजेदार बात तो यह है कि विभाग के एसडीओ अपनी जिम्मेदारी से यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि वे 24 घण्टे साइड पर बैठकर निगरानी तो कर नही सकते। ठेकेदार कब किस ट्रॉली में मुरम की जगह मिट्टी लाकर बिछा रहे हैं इसका पता ही नही चलता। एसडीओ के बयान से यह तो साबित हो गया कि न तो कार्य चलने के दौरान निरीक्षण हो रहा है और न ही बाद में कभी वक्त मिलता है। ठेकेदार जो मनमर्जी होती है वैसा काम करके अपना बिल प्रस्तुत कर देता है और विभाग के अफसर उसे सच मानकर आंखे बंद कर भुगतान भी कर देते हैं। बैतूल ब्लाक में ही 15 दिन में दो सड़कों के घटिया निर्माण के दो मामले सामने आ गए हैं और कलेक्टर ने सवाल जवाब भी कर दिए लेकिन विभाग के अफसरों ने उन्हें गुमराह करते हुए ठेकेदार को पाक साफ बता दिया। दरअसल

सिंगनवाड़ी से बैतूलबाजार के बीच बनाई जा रही सड़क में फोरलेन पर खड़े होकर ही नंगी आंखों से गुणवत्ता नजर आ रही है। सड़क पर मुरम के नाम पर बिछाई गई मिट्टी से सड़क जगह जगह धंस गई है। अभी तो अर्थवर्क ही किया गया है लेकिन सड़क का बेस कितनी मजबूत है इसका प्रमाण उस पर बने गड्ढे बता रहे हैं। सड़क के दोनों किनारों पर पानी की निकासी के लिए कांक्रीट की नाली बनाई गई है। देखने में ही नजर आ रहा है कि कितना दोयम दर्जे का काम किया गया है। लहराती और बलखाती हुई नाली बनाई गई है। वह भी जगह-जगह से टूट गई है। एक स्थान पर तो करीब 30 फीट की नाली की दीवार धंसक कर नाली में ही समा गई है। कई स्थानों पर दरारें पूरी लीपा पोती की कहानी कह रही हैं। इस सड़क से गुजरने वाले किसानों ने बताया कि ठेकेदार ने कभी कांक्रीट की तराई तक करने की जहमत नहीं उठाई।