Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 20, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

जिला ब्यूरो आरिफ हुसैन

आलीराजपुर। गत दिनों राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी की गई रैंकिंग में अलीराजपुर जिला प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल की पढ़ाई के मामले में प्रदेश में आखिर नंबर पर आया है। यह सब जिले में घटिया पढ़ाई का परिणाम है। इस संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष महेश पटेल ने बताया कि पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक स्थिति, वित्तीय प्रबंधन, बच्चों के नामांकन उपस्थिति सहित सात बिंदुओं के आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र ने जिले की रैंकिंग तय की है।जिसमे आदिवासी बहुल हमारा अलीराजपुर जिला मध्यप्रदेश में अंतिम पायदान पर है। यह बड़ी शर्मनाक स्थिति है। विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर अलीराजपुर 45 .97 फीसदी अंक के साथ मध्य प्रदेश में 51 वे स्थान पर रहा है, जबकि हमारा पड़ोसी जिला झाबुआ इस रैंकिंग में 56.79 अंक के साथ 39 वे स्थान पर रहा है। पटेल ने बताया कि केंद्र से ओर प्रदेश से जिले में बच्चों की उत्कृष्ट शिक्षा के लिए करोड़ो रुपयों का बजट आता है परंतु अधिकारी कर्मचारी की मिलिभगत से यह बजट सब गोलमाल हो जाता है। इन बजट से जिले में शिक्षा की रैंकिंग तो नही सुधरी पर अधिकारियों कर्मचारियों की जेब की रैंकिंग जरूर बढ़ गई है। इसी का परिणाम है कि आज जिले को फिसड्डी पढाई होने का तमगा लगा है। जिले के अनेक स्कूलों में शिक्षक नही है। स्कूले बन्द पड़ी है।ग्रामीण क्षेत्रो की अनेक स्कूले प्रभावशाली शिक्षकों ने ठेके पर दे दी है।उनकी एवज में दूसरे कमजोर लोग काम कर रहे है।जवाबदार जिला शिक्षा विभाग और ट्रायबल विभाग हाथ पर हाथ धरा बैठा है। उनको बच्चो की पढाई से कोई सरोकार नही है। बच्चो की
उच्च शिक्षा में प्राइमरी ओर मिडिल स्कूल की पढाई नीव का पत्थर होती है, परंतु इस जिले में तो लापरवाह ओर कामचोर अधिकारी ओर शिक्षक बच्चो का भविष्य बिगाड़ने पर तुले हुए है। पटेल ने बताया कि बीते 17 वर्षो में शिक्षा के नाम पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हो गए है। परंतु नतीजा आज सबके सामने है। शिक्षा क्षेत्र के बड़े विभाग प्रभारियों में भरोसे पर चल रहे है।सहायक आयुक्त, बीईओ, प्राचार्य, हेड मास्टर के पदों पर लंबे समय से प्रभारी लोग काम कर रहे है।जिन्हें बच्चो को पढाना चाहिए वो लोग कुर्सी पर जमे है और मलाई खा रहे है।इसके लिए प्रदेश सरकार भी पूरी तरह से दोषी है।वो क्यो नही इन पदों पर योग्य मूल पद वाले अधिकारियों की नियुक्ति कर रही है? प्राइमरी ओर मिडिल की पढ़ाई में फिसड्डी रहने पर जिला कांग्रेस इसका घोर विरोध ओर तीव्र भर्त्सना करती है। पटेल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है की यदि जिले की शिक्षा व्यवस्था का ढर्रा नही सुधारा तो कांग्रेस सड़को पर उतरकर धरना आंदोलन करेगी।

फोटो –महेश पटेल |