विशाल भौरासे रिपोर्टर

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए विद्युत मंत्रालय ने पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेहरा) बैतूल के माध्यम से मध्य प्रदेश राज्य सरकार के सहयोग से जिला मुख्यालय पर केसर बाग परिसर में 29 जुलाई को ‘बिजली महोत्सव’ आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में सांसद श्री डीडी उइके, अपर कलेक्टर श्री श्यामेन्द्र जायसवाल, महाप्रबंधक पावरग्रिड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड इंदौर श्री अरविन्द खरे, महाप्रबंधक, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बैतूल श्री वीएस दांगी, उप महा प्रबंधक पावरग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड बैतूल श्री रमेश तांडेकर सहित विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिकगण उपस्थित रहे।
बिजली महोत्सव का उपयोग राज्य और केंद्र सरकारों के बीच सहकार्यता का जश्न मनाने और बिजली क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में किया गया है। बिजली उत्पादन क्षमता 2014 में 2 लाख 48 हजार 554 मेगावाट से बढक़र वर्तमान में 4 लाख मेगावाट हो गई है जो हमारी मांग से एक लाख 85 हजार मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है। ग्रिड में एक लाख 63 हजार सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइनें जोड़ी गईं, जो पूरे देश को एक फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले एक ग्रिड में जोड़ती है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। हम इस ग्रिड का उपयोग करके देश के एक कोने से दूसरे कोने तक एक लाख 12 हजार मेगावाट बिजली पहुंचा सकते हैं। हमने सीओपी21 में वचन दिया था कि 2030 तक हमारी उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से होगा। हमने तय समय से 9 साल पहले नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। आज हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों से एक लाख 63 हजार मेगावाट बिजली पैदा करते हैं। हम दुनिया में तेजी से अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर रहे हैं।
पिछले पांच वर्षों में 2 लाख एक हजार 722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 2921 नए सब-स्टेशन बनाकर, 3926 सब-स्टेशनों का विस्तार करके 6 लाख 4 हजार 465 सर्किट किलोमीटर एलटी लाइन स्थापित करके, 2 लाख 68 हजार 838 सर्किट किलोमीटर 11 केवी एचटी लाइनें स्थापित करके, एक लाख 22 हजार 123 सर्किट किलोमीटर कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण और स्थापना कर वितरण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है।
वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का औसत समय 12.5 घंटे था जो अब बढक़र औसतन 22.5 घंटे हो गया है। सरकार ने बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 पेश किए हैं जिसके तहत नया कनेक्शन प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा अधिसूचित की गई है। रूफ टॉप सोलर को अपनाकर अब उपभोक्ता विक्रेता बन सकते हैं। समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जाएगी। मीटर संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समय-सीमा अधिसूचित की गई है। राज्य नियामक प्राधिकरण अन्य सेवाओं के लिए समय-सीमा अधिसूचित करेगा। उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए डिस्कॉम 24×7 कॉल सेंटर स्थापित करेंगे।
वर्ष 2018 में 987 दिनों में 100 प्रतिशत गांव विद्युतीकरण (18,374) हासिल किया गया। इसके साथ ही 18 महीनों में 100 प्रतिशत घरेलू विद्युतीकरण (2.86 करोड़) हासिल किया। दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में पहचाना गया। सौर पंपों को अपनाने के लिए शुरू की गई योजना जिसके तहत – केंद्र सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी। साथ ही 30 प्रतिशत लोन की सुविधा मिलेगी।
बिजली महोत्सव पूरे देश में उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य – पावर ञ्च 2047 की छत्रछाया में मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जनभागीदारी हो और बिजली क्षेत्र में विकास को बड़े पैमाने पर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम में अतिथियों ने बिजली के लाभों पर प्रकाश डाला। साथ ही कई लाभार्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किए।

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