इंदौर में पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपित मोनू दुबे और धीरज वाधानी को राजेंद्र नगर पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है। आरोपितों पर लूट, अड़ीबाजी, मारपीट, जुआ और मादक पदार्थों की सप्लाई के केस दर्ज हैं। बदमाश बायपास पर प्रेमी जोड़ों को लूट लेते थे। गुमराह करने के लिए गले में भगवा गमछा लपेटते थे। वारदात के तत्काल बाद कपड़े भी बदल लेते थे।

एएसपी जोन-1 जयवीरसिंह भदौरिया के मुताबिक अभिषेक उर्फ मोनू पुत्र राजेंद्र दुबे निवासी देवगुराड़िया पर भंवरकुआं और खुड़ैल थाना में सात प्रकरण दर्ज हैं। वहीं धीरज मनोहर माधवानी निवासी काटजू कालोनी पर संयोगितागंज और जूनी इंदौर में आपराधिक मामले लंबित हैं। आरोपित खुड़ैल, राऊ, तेजाजी नगर, भंवरकुआं व राजेंद्र नगर क्षेत्र में बायपास पर सुनसान जगह देखकर प्रेमी जोड़ों को निशाना बनाते थे। आरोपित गले में भगवा गमछा लपेटते थे ताकि पुलिस जांच में उलझी रहे। अभिषेक तो स्कूटर की डिक्की में कपड़े रखता था ताकि वारदात के बाद बदलकर पुलिस को चकमा देकर निकल सके। पुलिस ने सोमवार को दोनों का रिमांड मांग लिया। हालांकि मोनू अभी अस्पताल में ही भर्ती है।
आरोपितों ने 29 जुलाई को केशरबाग रोड पर फोटोग्राफर देवम परमार को उस वक्त लूट लिया था जब वह प्रेमिका के साथ घर लौट रहा था। पुलिस ने वैष्णोदेवी मंदिर (केशरबाग रोड), माणिकबाग रोड, चोइथराम मंडी, रिंग रोड, राजीव गांधी चौराहे के सीसीटीवी फुटेज निकाले और कड़ियां जोड़ती गई। आरोपितों का हुलिया और स्कूटर स्पष्ट होने पर दोनों को चिन्हित कर लिया। सादे कपड़ों में घरों की रैकी की लेकिन दोनों बदमाश वारदात के बाद घर ही नहीं गए।
रविवार रात पुलिस को सूचना मिली कि आरोपित बायपास स्थित कशिश ढाबे पर हैं तो एसआइ दशरथ चौहान, सचिन त्रिपाठी टीम के साथ पहुंच गए। पुलिसवालों को देखकर दोनों चिनार हिल्स की ओर भागे। बदमाशों ने घेराबंदी देख स्कूटर पटक दिया और पुलिस पर गोली चलाने लगे। सचिन त्रिपाठी और सिपाही रविकांत, सतीश बहेनिया ने पकड़ने की कोशिश की तो चाकू निकाल लिया। एडीसीपी के मुताबिक पुलिस की तरफ से दो और बदमाशों की तरफ से एक फायर हुआ है। पुलिस को मौके से मोबाइल, पिस्टल, स्कूटर और चाकू मिला है।
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