*👶👶👶👶 पत्नी ने 75 की उम्र में जन्मा बेटा*।
अलवर। राजस्थान के एक पूर्व फौजी की जिंदगी में 75 साल की उम्र में खूबसूरत पड़ाव आया है। ये पहली बार पिता बने हैं। वो भी शादी के 54 साल बाद। इनकी पत्नी ने 70 साल की उम्र में बेटे को जन्म दिया है। डॉक्टर का दावा है कि राजस्थान का यह पहला मामला है कि जिसमें आईवीएफ तकनीक से 70 से ज्यादा की उम्र में किसी के घर किलकारी गूंजी है।
मामला राजस्थान के अलवर व झुंझुनूं से जुड़ा है। पूर्व फौजी गोपीचंद मूलरूप से झुंझुनूं जिले के बुहाना उपखंड के गांव नुहनिया के रहने वाले हैं। ये बांग्लादेश युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं। तब इनके पैर में गोली लगी थी। इनकी शादी 54 साल पहले हरियाणा के रेवाड़ी की चंद्रवती के साथ हुई थी। गोपीचंद अपने पिता नैनू सिंह के इकलौते बेटे हैं। इनके एक बहन है।

गोपीचंद व चंद्रवती के कोई संतान नहीं हो रही थी। दोनों कई नामी डॉक्टरों को दिखाया। मंदिरों में जाकर खूब मन्नतें भी मांगी, मगर हर जगह झोली खाली रही। उम्र भी बढ़ते-बढ़ते गोपीचंद 75 साल और चंद्रवती 70 साल हो गई थी। फिर भी इन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। पिछले साल इन्होंने अलवर शहर के IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ) एक्सपर्ट डॉ. पंकज गुप्ता व डॉ. रीना यादव से मुलाकात की।
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में अलवर के डॉ. पंकज गुप्ता कहते हैं कि इस दंपती की उम्र 70 साल से ज्यादा थी। ऐसे में यह केस चुनौतीपूर्ण था। IVF प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है, जिनमें ओवेरियन स्टिमुलेशन, महिला की ओवरी से एग निकालना, पुरूष से स्पर्म लेना, फर्टिलाइजेशन और महिला के गर्भ में भ्रूण को रखना शामिल हैं। IVF के एक साइकल में दो से तीन सप्ताह लग सकते हैं।
पूर्व सैनिक गोपीचंद की 70 वर्षीय पत्नी चंद्रवती के साथ आईवीएफ प्रक्रिया करीब 9 महीने पहले की गई थी। गर्भ काल पूरा करने के बाद सोमवार को चंद्रवती को 2 किलो 750 ग्राम का बच्चा पैदा हुआ है। फिलहाल बच्चा और मां दोनों स्वस्थ हैं। कुछ दिन बाद इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।
गोपीचंद कहते हैं कि 8 अगस्त 2022 उनकी जिंदगी का सबसे यादगार दिन है। इन दिन का बीते 54 साल से इंतजार था। शादी के बाद से ही संतानल प्राप्ति के लिए प्रयास कर रहा था, मगर हर जगह निराशा ही हाथ लग रही थी। अब मेरा भी वंश आगे बढ़ सकेगा। संतान नहीं होने पर ताने मारने वाले को भी अब जवाब मिल गया। बेटा पैदा होने के बाद से पत्नी चंद्रवती के तो खुशी के आंसू निकले जा रहे हैं।
डॉ. रीना यादव कहती हैं कि विश्व में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी 25 जुलाई 1978 को इंग्लैंड में पैदा हुआ था। भारत में भी बहुत से टेस्ट ट्यूब बेबी हो चुके हैं, मगर ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी की उम्र कम होती है, मगर झुंझुनूं वाले इस केस में पति-पत्नी दोनों ही 70 से ज्यादा उम्र के थे। इतनी ज्यादा उम्र में राजस्थान में किसी को आईवीएफ तकनीक से संतान सुख मिलने का संभवतया यह पहला केस है।
IVF एक्सपर्ट डॉ. पंकज गुप्ता कहते हैं कि पूर्व फौजी गोपीचंद की ख्वाहिश थी कि बच्चा उनकी पत्नी चंद्रवती की कोख से पैदा हो। दोनों की उम्र अधिक थी। चुनौती तो थी, मगर हमारी टीम 2 साल से मेहनत कर रही थी। हमें हमारी टीम और तकनीक पर पूरा भरोसा था। नतीजा हम सबके सामने है।
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