मनीष ऋषीश्वर की रिपोर्ट
स्वदेशी जागरण मंच के मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने कार्यक्रम में स्वदेशी चीजों को अपनाने का खूब जोर दिया।
खास बात ये रही कि स्वदेशी अपनाने की बोलने वाले खुद जर्मन देश की विदेशी कार बी.एम.डब्लू में सवार होकर आए और जापान देश की विदेशी कार फॉर्चूनर में बैठकर वापस गए।
भिंड जिले में बीते रोज स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक व आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार ने गीतांजलि गार्डन में आयोजित सभा में चार और पांच बच्चे पैदा करने वालों का सम्मान कर सभागार में बैठे सभी लोगोगों को हतप्रभ कर दिया,सम्मान करने के लिए मंच पर बैठे पदाधिकारियों को आदेश दिया कि जो आपको सम्मान में वस्तुऐ प्राप्त हुई हैं उनको आप उन सभी लोगों में वितरित करदें जिन्होंने 4 और 5 बच्चे पैदा किये हैं,हालांकि बाद में उन्होंने सम्भलते हुए भारत की जनसंख्या वृद्धि दर में कमी के आंकड़े को लेकर चिंता व्यक्त की।
दरअसल भिंड जिले में स्वदेशी जागरण मंच के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम मैं मुख्य वक्ता के रूप में आए सतीश कुमार ने पहले कुछ स्वदेशी अपनाने के लिए नारे लगवाए जिसमें स्वदेशी वस्तुएं खरीदने का आवाह्न किया गया,नारों में विदेशी वस्तुएँ त्यागने और स्वदेशी अपनाने की सलाह छिपी हुई थी,उसके बाद चार और पांच बच्चे पैदा करने वाले दर्जनभर पुरुष और महिलाओं का सम्मान मंचासीन अतिथियों से करवाया और फिर उद्यमियों के बारे में बताते हुए पहले अमेरिका के उद्यमी एप्पल कंपनी के कर्ताधर्ता स्टीव जॉब का उदाहरण पेश कर सफल उद्यमी बनने की मिसाल दी,
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों में चार और पांच बच्चे पैदा करने वाले लोगों का सम्मान होते देख वहां पर बैठे लोगों में कौतूहल का विषय बन गया,पहले तो कुछ लोग शर्मा गए तो वहीं एक तरफ सभी लोग चर्चा करने लगे कि सरकार परिवार नियोजन के लिए बड़े पैमाने पर तरह तरह के प्रोत्साहन दे रही है और वही हिदायत देते हुए यह भी कह रही है कि यदि बच्चे ज्यादा हुए तो सरकारी नौकरियों से व सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा और इन सबके बाद अब कहीं जाकर हमारी जनसंख्या वृद्धि में थोड़ी कमी हुई है फिर भी इतनी तो है ही कि हम 78 साल बाद सन 2100 में दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएंगे,खैर कार्यक्रम में देश के चर्चित संगठनों में शुमार आरएसएस संगठन के सहयोगी संगठन द्वारा कार्यक्रम में 4 और इससे अधिक बच्चे पैदा करने वालों को सम्मानित तक कर दिया गया,खास बात यह रही कि सरकार की तरफ से सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कराने वाले सरकारी मूल्यों की रक्षा करने वाले कलेक्टर यह सम्मान होते हुए देखते रहे और कुछ भी नहीं बोल पाए,मजे की बात तो ये रही कि स्वदेशी अपनाने का नारा देने वाले अंत में जाते वक्त कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विदेशी गाड़ी फॉर्चूनर में बैठ कर रवाना हो गए जब वहां पर अन्य लोगों से पूछा तो पता चला कि महोदय कार्यक्रम में स्वदेशी अपनाने के लिए बोलने भी विदेशी गाड़ी बीएमडब्ल्यू से आए थे।यहां बताना मुनासिब होगा कि स्वदेशी जागरण मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही एक सहयोगी संगठन है जो पूरे भारत में स्वदेशी वस्तुएँ अपनाने के लिए और विदेशी वस्तुए त्यागने के लिए व उद्योग धंधे खोलने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए कार्यरत है, अब सवाल यह उठता है कि संगठन सरकार की नीतियों से अलग हो चला है या सब दिखावे की भागदौड़ में मुद्दों से भटकाने के लिए ये सब आजकल चलन में है।
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