राजोद से राहुल राठौड़- होली की शाम को शितलामाता मंदिर साजोद पर चुल चले मन्नतधारी महिला, पुरूष हाथ में कलश एवं श्रीफल लेकर माता का जयकारा करते धधकते अंगारो पर चूल से गुजरे। मान्यता है कि चूल से गुजरने पर मन्नते पूरी हो जाती है। इसलिए संतान प्राप्ति, गृहशांति एवं परिवार की सुरक्षा के लिए लोग मिन्नते लेते है कोई तीन साल तो कोई 5 साल सतत चूल से गुजरने की मिन्नते लेते है और वे पूरी होने पर श्रद्धा के साथ होली की शाम चूल से गुजरते।
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दुख का घर कही नही है बल्कि हर घर मे दुख है दुःख को अपना मित्र बना लो तो वो भी आनंद देगा–पं. नागर