ब्यूरो चीप भुजबल जोगी


भारत शासन के आव्हान एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आजीविका मिशन के द्वारा सामाजिक जागरूकता पखवाड़ा के अंतर्गत ग्राम से जिला स्तर पर विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इस तारतम्य में 25 ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन की दिशा में एक्टिवेटेड एजेंट फॉर हेल्थ एंड लाइव स्टॉक प्रमोशन के रूप में 16 दिवसीय सघन प्रशिक्षण दिया गया।
सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र रहली में 22 ग्रामीण महिलाओं को आजीविका संवर्धन के विषय में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इन महिलाओं को जिला प्रबंधक श्री प्रभाष मोतियाने ग्राम संगठन के अंतर्गत बनने वाली पांच उप समितियों और उनके कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। गरीबी से बाहर आने के लिए ग्राम स्तर पर संचालित होने वाली कृषि और गैर कृषि गतिविधियों के संचालन के अवसरों पर जिला प्रबंधक अनूप तिवारी ने चर्चा की। जिला परियोजना प्रबंधक दिनेश शर्मा के अनुसार जिले में विशेष सीआरपी ड्राइव चलाकर स्व सहायता समूह से जुडने अभियान संचालित किया जा रहा है। गरीब परिवार जो समूह से जुड़ने में छूट गए हैं, उनके घर-घर दस्तक देकर स्व सहायता समूह जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रेरणा देने का काम समूह से जुड़ी हुई हुई महिलाएं स्वयं कर रही हैं समूह की वे सीनियर महिलाएं जो लंबे समय से स्व सहायता समूह से जुड़ कर लखपति क्लब में शामिल हुई है अर्थात जिन्होंने अपनी आमदनी को बढ़ाया है, विश्व समूह से जुड़ने के फायदे और उनके जीवन में आए बदलाव इन महिलाओं को बता कर समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं महिलाएं आम, अमरूद, थाई अमरूद जैसे पौधों का रोपण कर पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ अपनी भविष्य की आमदनी को सुनिश्चित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। जिले में इस अभियान के अंतर्गत 10,000 से अधिक थाई अमरूद पौधों का रोपण किया गया है। कम आयु में कम स्थान पर अधिक उत्पादन देने वाले यह अमरुद के पौधे इन महिलाओं के पोषण के साथ-साथ आमदनी का सहारा बनेंगे।
श्री क्षितिज सिंघल मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत का कहना है कि सामाजिक जागरूकता पखवाड़े के अंतर्गत अधिक से अधिक वंचित और पात्र परिवारों तक पहुंच बनाने का अभियान तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त स्व सहायता समूह की महिलाओं को आवास योजना के अंतर्गत स्वयं सेंट्रल व्यवसाय लगाकर यथाशीघ्र आवास पूर्ण किए जाने की भी मुहिम जारी है इससे न केवल समय सीमा में आवास का निर्माण होगा बल्कि सेंट्रल व्यवसाय से इन महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो सकेगी। इसके अलावा जिले में 9 डीएलएफ को रोपण के लिए पौधे तैयार किए जाने हेतु क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में मनरेगा में कार्य सौंपा गया है।
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