मध्यप्रदेश में विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नसीहत दी है,विधायक ने मुख्यमंत्री को नसीहत दी है कि प्रदेश के मुखिया को बार-बार वीसी न करके अधिकारियों को मैदान में उतारना चाहिए और क्षेत्रीय विधायकों को कोरोना नियंत्रण
में सहयोग के लिए जिम्मेदारी सौंपना चाहिए..
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से कहा है की कोविड-19 के इस दौर में बार-बार प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा वीसी(वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) करने को रोकने और सत्ता पक्ष एवं विपक्षी दल के विधायकों को क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपे जाने के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि मध्यप्रदेश में कोरोना ने अब भयावह रूप ले लिया है और यह नियंत्रण से परे जाता दिख रहा है माननीय मुख्यमंत्री जी आपके द्वारा लगातार जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ली जा रही है उसमें प्रदेश के कई आला अधिकारी 6 से 7 घंटे आपके साथ बैठते हैं और संपूर्ण प्रदेश के अधिकारियों का अधिकतम समय उस वीसी की तैयारी में और आप को प्रभावित करने के लिए मनगढ़ंत जादुई आंकड़े जुटाने में चला जाता है। जिन अधिकारियों को जमीन पर रहकर कोरोना जैसे संकट से लड़ने के लिए कार्य करना चाहिए वह केवल वीसी की तैयारियों में लगे हुए हैं । आपके वीसी के प्रोटोकॉल के चलते पूरे मध्यप्रदेश के अधिकारियों का 24 घंटे में से 18 घंटे का समय वीसी में और उसकी तैयारियों में जाता है, तो यह अधिकारी मैदानी क्षेत्र में आवश्यक कार्य कब करते होंगे । विधायक पाठक ने कहा है कि आप प्रदेश के मुखिया हैं यह बात बीते 17 सालों से प्रदेश की जनता जानती है तो इसके लिए इतनी लंबी-लंबी वीडियो कांफ्रेंस करने की आवश्यकता नहीं है,आपके चेहरे से संपूर्ण मध्यप्रदेश परिचित है। आप प्रदेश में कोरोना की स्थिति और कार्ययोजना की मॉनिटरिंग करके भी आंकड़े जुटा सकते हैं,जिससे प्रदेश के आला अधिकारियों के जरिए कोविड-19 नियंत्रण करने में उनके आपदा प्रबंधन के अनुभवों का जनता को वास्तविक लाभ मिल सके। कोरोना जैसी महामारी में कमरे में बैठकर नहीं बल्कि क्षेत्र में बेहतर कार्य करके नियंत्रण पाया जा सकता है, इसके लिए अधिकारियों को मैदान में उतरना पड़ेगा। विधायक पाठक ने पत्र में लिखा है कि आपने जिले के प्रभारी के तौर पर मंत्रियों की नियुक्ति कर दी है किंतु यह महामारी नियंत्रण केवल एक मंत्री या विधायक की नीति या योजना से नहीं संभलेगा। प्रदेश की सात करोड़ जनता के हित में हमें राजनीतिक प्रतिद्वंदिता भूल कर एक साथ आगे आना होगा। प्रदेश का प्रत्येक विधायक चाहे वह सत्तापक्ष का हो या विपक्ष का,उसे उसकी विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बना कर प्रशासन की टीम का निर्माण करके कोविड की जंग में साथ लेकर चलना अब समय की मांग है। क्षेत्रीय विधायक यदि क्षेत्र के प्रभारी के तौर पर होगा तो स्वास्थ्य, व्यापार एवं जनहित के निर्णय लिए जा सकते हैं। विधायक पाठक ने आगे लिखा है कि मेरा आपसे और आपकी सरकार से आग्रह है कि कोविड-19 का घातक वायरस भाजपा और कांग्रेस नहीं देखता क्योंकि जहां आपने अपने नेता खोए हैं तो वहीं हमने भी अपने नेताओं को कोरोना में खोया है। राजनीतिक विद्वेष, कटुता को निभाने के लिए हमें समय मिलेगा किंतु जनता को इस समय, हम से अपेक्षा है कि हम कोविड-19 महामारी में राजनीति नहीं बल्कि जनसेवा करें । विधायक पाठक ने पत्र के अंत में निवेदन किया है कि इस भीषण आपदा के अवसर पर आपसे अपेक्षा है कि विपक्ष के विधायकों को साथ लेकर प्रदेश की जनता को इस महामारी से बचाने की कार्य योजना बनाएं और अधिकारियों की अधिकांश ऊर्जा वीसी में न लगवाते हुए वास्तविक कार्यों में लगवाएं।
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