एस पाटीदार रिपोर्टर


भारतीय संस्कृति के अनुसार सबसे अच्छा नक्षत्र ,पुष्य नक्षत्र पर मंगलवार को गोकुलधाम गौशाला समिति (काली किराय )मनावर द्वारा परिवर्तित भूमि लोणी फाटे पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया । जिसमे विशेष अतिथि श्री योगेश जी महाराज ,श्री धाम बालीपुर तथा मुख्य अतिथि निरंजन डावर लोणी थे। आज पुष्य नक्षत्र पर त्रिवेणी तीन पेड़ों का संगम नीम, पीपल और बड ,अशोका,कणियर,शमी के पौधे गौ पालको द्वारा लगाए गये।
वृक्ष भारतीय सनातन संस्कृति से जोड़ने का संदेश देती है ।वृक्ष लगाने का पहला और सबसे अति महत्वपूर्ण लाभ कार्बन डाइऑक्साइड और श्वास ऑक्सीजन का आदान प्रदान करते हैं। पर्यावरण को शुद्ध रखता है।
श्री योगेश जी महाराज ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में लिखा है – “गांवो विश्वस्य मातर: ” अथार्थ गाय विश्व की माता है । गाय का मूत्र गौ औषधि है। “मां “शब्द की उत्पति गोमुख से हुई है। मानव समाज में भी मां शब्द कहना गाय से सीखा है। जब गोवत्स रंभाता है तो “मां “शब्द गुंजायमान होता है। प्राचीन ग्रंथों में नन्दा, ,सुभद्रा,सुरभि,सुशीलाऔर बहुला। जिस प्रकार पीपल का वृक्ष एवम तुलसी का पौधा ऑक्सीजन छोड़ते हैं, वैसे एक छोटा चम्मच देसी गाय का घी जलते कंडे पर डाला जाए तो एक टन आक्सीजन बनती है । गाय में 33 प्रकार के देवी देवता वास करते है।भारत की संस्कृति मूलत: गौ संस्कृति है ।भारतीय समाज में गाय को मां की संज्ञा से पुकारा ।।श्री निरंजन डावर एवम श्रीमती अर्चना डावर द्वारा गौ माता की आरती की गयी। अतिथियों को श्रीफल, साल एवम् सील्ड बांटी गई। संचालन जितेंद्र सोनी एवं प्रवीण पाटीदार ने किया आभार सचिन पाटीदार ने माना। सुखलाल भाई, सरपंच दयाराम भाई वास्केल , गुलाब भाई,बद्री भाई,लक्ष्मण मुकाती एवं मातृशक्ति का सहयोग रहा।
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