इरफ़ान अंसारी रिपोर्टर

घोंसला
लंपी वायरस इस वक्त पशुओं पर कहर बनकर टूट रहा है। कोरोना महामारी के बाद अब देश लंपी वायरस से लड़ रहा है। यह नया वायरस पशुओं पर कहर बरपा रहा है। लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease), जिसको लेकर बड़ी चिंता सामना आई है। अब लंपी वायरस के भी कोरोना की तरह वेरिएंट (Lumpy Variant) बदलने की आशंका जताई जा रही है।देश के कई राज्यों में लंपी वायरस पशुओं पर तेजी से काल बनकर टूट रहा है. मवेशियों में लंपी वायरस का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अधिकतर गायों में ही इस वायरस का प्रभाव देखने को मिला है.मवेशियों में फैली लंपी स्किन बीमारी की वजह से डेयरी किसानों को काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है आसपास शहरों के अलावा कई गांवो के मवेशियों में लंपी वायरस फैल चुका है. हाल ही में इस बीमारी को लेकर सरकार और प्रशासन ने इसके रोकथाम के लिए प्रयास शुरू किए हैं. इससे पहले ही हज़ारों पशुओं की मौत की ख़बरें सामने आ चुकी हैं.
लंपी स्किन वायरस की चपेट में आकर देश भर में हजारो पशुओं की मौत हो चुकी है. लंपी वायरस बीमारी डेयरी व्यवसाय के लिए खास चिंता बनकर उभरी है. लंपी बीमारी मवेशियों में खास तौर पर गाय-भैंसों में फैल रही है. इससे वे किसान बुरी तरह प्रभावित हैं, जिनका व्यवसाय पूरी तरफ मवेशियों पर निर्भर है.मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में इस बीमारी के कारण हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है.इस बीच चिंता की बात ये है कि मवेशियों में लंपी वायरस का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसे लेकर राज्यों से लेकर केंद्र सरकार तक एक्शन मोड में हैं. कई जिलों में तेजी से पांव पसार रहे लंपी वायरस की घेराबंदी शुरू हो गई है.
फिलहाल देखे तो लंपी वायरस से सर्वाधिक 90 फीसदी तक गाय संक्रमित हैं और गायों की ही सर्वाधिक मौत हुई है. कोरोना काल में हुई मौत और संक्रमण दर के सरकारी आँकड़ों को कमतर दिखाने के आरोप लगे थे, लंपी वायरस से पशुओं की मौत के सरकारी आंकड़ों पर भी सवाल उठ रहे हैं.
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