*क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया है कि सड़क के आजू-बाजू समतलीकरण में खेतों की मिट्टी को नही हटाया*
बी.एल.सूर्यवंशी रिपोर्टर



क्षेत्रवासियों व ग्रामीणों ने बताया है कि उज्जैन से बदनावर कि पुरानी सड़क के आजु-बाजु किसानों के खेतों में सड़क ठेकेदार द्वारा समतलीकरण का कार्य जोरों से किया जा रहा है। किन्तु किसानों के खेतों से बिना मिट्टी हटाए ही उसी मिट्टी को रोलर एवं अन्य यंत्रों द्वारा दबाया जा रहा है। जबकि शासन-प्रशासन के नियमानुसार उसमें से एक या दो फीट मिट्टी हटाकर उसमें हार्ट-मोहर्रम डालकर दबाने का प्रावधान है। जिसके कारण बनने वाले फोरलेन सड़क भविष्य में फटने व जमीन के अंदर नही बैठ पायेगा। क्योंकि यह नजारा क्षेत्रवासीयो व ग्रामीणों ने लेबड़-नयागांव फोरलेन को बारिश के समय देखने को मिल रहा है। फोरलेन सड़क बरसात में पूर्ण रूप से गड्डों में तब्दील हो जाती है। जिससे राहगीरों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बदनावर से उज्जैन का उनसत्तर किलोमीटर फोरलेन के निर्माण का काम यहाँ से शुरू हो गया है। 2 वर्ष की समय सीमा में फोरलेन का निर्माण कार्य पुरा करने की बात कही जा रही है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विगत फरवरी में उज्जैन में आयोजित बड़े समारोह में मध्यप्रदेश में बनने व यहां से गुजरने वाली 534 किलोमीटर लंबी 11 सड़कों का शिलान्यास किया था। यह सड़के 6247 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाना है। इन्हीं में से एक
उज्जैन-बड़नगर-बदनावर फोरलेन है इसकी लागत करीब 1352 करोड़ रुपए बताई गई हैं। एन.एच.ए.आई. (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के प्रमुख कार्यालय से उक्त मार्ग के निर्माण के लिए एजेंसी फाइनल करने के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। विभाग द्वारा फोरलेन निर्माण 2 वर्ष में पूरा करने का दावा किया जा रहा है। उज्जैन से यह मार्ग उज्जैन-इंदौर फोरलेन के तपोभूमि के पास शुरू होकर आगे बढ़ेगा। जबकि बड़नगर से ग्राम मौलाना, कजलाना,वरगाड़ी से होकर गुजरता हुआ बदनावर की तरफ़ पहुंच रहा है। यहां बड़ी चौपाटी से दूर बामनसुता और बड़नगर के बीच फोरलेन का काम चालू हो गया। निर्माण कंपनी द्वारा एक साइड की खुदाई का समतलीकरण का काम किया जा रहा है। हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाले उज्जैन का सिंहस्थ महाकुंभ की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पेटलावद के अमरहोली तक 130 किलोमीटर तक
चौड़ीकरण करने का प्रस्ताव था। इसकी लागत 1130 करोड़ रुपये बताई जा रही थी। फोरलेन बनाने के लिए इसका सर्वे कार्य दाहोद के पास लिमडी तक जोड़ने की योजना प्रस्तावित थी। किंतु अब सिर्फ उज्जैन से बदनावर तक फोरलेन बन रहा है। लेकिन इसके आगे अमरहोली तक मार्ग को फोरलेन में तब्दील करने की प्रक्रिया फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के परियोजना अधिकारी एम.एल.पूरविया ने बताया है। कि फिलहाल उज्जैन से बदनावर के बीच 69.1
किलोमीटर लंबा फोरलेन बन रहा है।
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