एस पाटीदार रिपोर्टर







श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज श्री धाम श्री अंबिका आश्रम बालीपुर मे मंगलवार की रात्रि में कार्तिक पूर्णिमा पर भोपाल से आए दो बसो मे श्रद्धालु भक्तों द्वारा दीपदान किया गया। उक्त कार्यक्रम श्री योगेश जी महाराज एवम सुधाकर जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। सभी महिलाओं द्वारा भजन गाए गए तथा खूब नृत्य किये गए।चार दिन से आए भोपाल एवं आसपास के गांव से गुरु भक्तो ने खूब आनंद लिया ।प्रति वर्षा अनुसार इस वर्ष भी कार्तिक पूणिमा पर दीपदान कर श्री धाम बालीपुर में जय- जय गुरुदेव ,स्वास्तिक चिन्ह एवम नौ ग्रहों के दीपों से आकृतियां बनाकर श्री धाम बालीपुर को दीपोत्सव से चकाचौंध कर दिया।अलीराजपुर के भक्तों द्वारा देर रात तक आतिशबाजी की गई ।स्नान, ध्यान ,भजन करके दीपदान करने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। श्रद्धालुओं के दर्शन, पूजन के तीन दिन से भावभीनी वातावरण निर्मित हुआ ।ऐसा विहंगम एवम मनोरम दृश्य मानो देवता वास्तव में श्री धाम बालीपुर में आते हैं और देवताओं का यहां द्विज संतो से मिलन कार्यक्रम होता है। काशी में 84 घाट पूरी तरह से दीपों की रोशनी में नहाए दिखते हैं, वैसे श्री धाम बालीपुर में। । दीप प्रज्वलित करने की व्यवस्था के पीछे धरती को प्रकाश से आलोकित करने का भाव रहा है ,क्योंकि शरद ऋतु में भगवान सूर्य की गति दिन में तेज और रात में धीमी हो जाती है । दीप को ईश्वर का नेत्र माना जाता है ।ब्रह्मा, विष्णु ,शिव , अंगिरा व आदित्य आदि ने इस माह के पर्वो को प्रमाणित किया है। दानव त्रिपुरासुर द्वारा तीनों लोको का राज्य कर्म करने से देवता परेशान होकर शिवजी की प्रार्थना पर दानव का वध इसी दिन किया था। इस कारण से कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली “दीपोत्सव “के रूप में मनाई जाती है।
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