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Dharmendra Singh

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June 2025
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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

कैसे रुके अवैध उत्खनन : कान पोहरा ,हक़ीमखेड़ी याकूबपुर रोड पर अवैध खनिज कारोबारियों ने पसारे पैर,पत्थर फर्सी बोल्डर का अवैध खनन धड़ल्ले से ,स्थाई अफसर नहीं, लाखों की रॉयल्टी चोरी

स्थान मध्य प्रदेश लोकेशन रायसेन

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ

एंकर रायसेन।खनिज विभाग के अधिकारियों खनिज निरीक्षकों की मनमानी उदासीनता के चलते बड़े पैमाने पर रेत, मुरम भसुआ और पत्थर बोल्डरों और फर्सी का अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है।जिले में अवैध खनन का कारोबार बेखौफ धड़ल्ले से चल रहा है।
इस तरह हो रहा अवैध उत्खनन….
सांची ब्लॉक में भी अवैध उत्खनन।विकासखंड सांची के बेतवा नदी अधिकांश गांवों से होकर गुजरी है।तहसील रायसेन के नांद उरदेन, जाखा, सिलपुरी सेवासनी सिंहपुरी तिजालपुर,पगनेश्वर, धनियाखेड़ी आदि
गांव में रेत माफियाओं व रेत ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा था। इसके बाद ग्रामीणों ने इसका विरोध प्रारंभ कर दिया ग्रामीणों के विरोध के बाद जेसीबी और ट्रैक्टर बंद हो गए। ग्रामीण राजेन्द्र प्रसाद शर्मा डॉ टीकाराम लोधी ने बताया कि इन गांवों से अवैध देशी रेत बजरी मुरम का उत्खनन करने के लिए ठेकेदार द्वारा जेसीबी और ट्रैक्टरों के माध्यम से उत्खनन किया जा रहा था। जैसे ही ग्रामीणों को पता चला तो वह मौके पर पहुंच गए और उन्होंने उनसे परमिशन मांगी ।लेकिन ठेकेदार के पास नहीं थी। विवाद बढ़ता देख ठेकेदार अपनी मशीनरी लेकर मौके से चला गया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई जानी है इसके लिए ठेकेदार अवैध उत्खनन कर रोड निर्माण करना चाह रहा है। और शासन को लाखों रुपए की राशि से बचना चाह रहा है।
मनमाने भाव में बिक रहा भसुआ…..
मकान के प्लास्टर में काम आने वाला भसुआ नेवली गनिहारी भुआरा तजपुरा से आता है। कुछ समय से वहां प्रतिबंध करने से भसुए की आवक रायसेन शहर में कम हो गई है। इस प्रतिबंध का लाभ लेने कुछ रेत माफिया सक्रिय हुए और उन्होंने शहर में अलग-अलग जगह भसुए का स्टॉक कर लिया है। भसुए का संकट बताकर माफिया आठ से दस हजार रुपए की ट्राली बेच रहे हैं। जो पहले बमुश्किल चार से पांच हजार रुपए में आसानी से मिल जाती थी। इसके अलावा रेत भी महंगी बिक रही है।
गांव के गांव खोद डाले…..
मुरम की अवैध उत्खनन करने के लिए विदिशा रायसेन के मुरम माफियाओं द्वारा तहसील रायसेन के धनियाखेड़ी, मेहगांव, उमरिया, बेजाखेड़ा कौड़ी मौरी जैसे गांवों के आसपास खनिज कारोबारियों ने इतनी गहरी खुदाई कर दी कि वह अब तालाब जैसे बन गए हैं। मेहगांव चोपड़ा ताजपुर सूर में तो बगैर अनुमति के क्रेशर लग हैं। जिनसे लीज की नहीं आसपास की जमीन भी खोखली हो रही है। इसमें राजस्व माइनिंग सहित वन विभाग की जमीन भी शामिल है।
बेतवा नदी से प्रतिदिन निकाली जाती है बजरी रेत…..
रायसेन शहर से सटी बेतवा कौड़ी रीछन नदी पर सुबह से ही रेत माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ पहुंच जाते हैं। वहां दिन भर मजदूरों के जरिए बजरी रेत निकलवाकर शहर में लाया जाता है। रेत की ट्रॉली सलामतपुर कस्बे रायसेन सहित विदिशा बस स्टैंड के नजदीक सड़क किनारे खड़ी हुई देखी जा सकती हैं। सलामतपुर रोड पर तो इन ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंप कर एकत्रित की गई रेत पर कलेक्टर अरविंद दुबे ने प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद फिर वहीं यह कारोबार शुरू हो गया है।
बेची जा रही अवैध रेत….
सूत्र बताते हैं कि जिले के कस्बा सांची सलामतपुर दीवानगंज क्षेत्र के नदियों की बजरी रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है।नदियों से रोजाना निकाली जा रही रेत को माफिया
राजधानी भोपाल सहित अन्य इलाकों में बिकवा रहे हैं। इस ओर न तो जिला खनिज विभाग के अफसरों का ध्यान है और न ही राजस्व विभाग का। वहीं रायसेन तहसील के कुछ अफसर जिले के वरिष्ठ अफसरों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि हमारे जिले का नहीं विदिशा भोपाल जिले की सीमा का मामला है।
अवैध उत्खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाती है। समय-समय पर अवैध तरीके से रेत आदि लाने वाले वाहनों पर जुर्माना की कार्रवाई की जाती रही है। अवैध उत्खनन जहां हो रहा है वहां एक टीम भेजकर कार्रवाई कराएंगे।

अरविंद कुमार दुबे कलेक्टर रायसेन
एक ओर रायसेन के कलेक्टर कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार तेज-तर्रार हैं। कार्रवाई में भरोसा रखते हैं, और कराते भी हैं।अवैध उत्खनन करने वाले पकड़े गए वाहनों पर बड़ा जुर्माना भी कर रहे हैं। इसके बाद भी अवैध उत्खनन और रॉयल्टी चोरी का कारोबार जिले में रुकने का नाम नहीं ले रहा है। खनिज विभाग तो पूरी तरह भगवान भरोसे है इसकी वजह ये है कि यहां धनराज कातुलकर के जाने के बाद स्थाई अधिकारी आरके कैथल के आ जाने के बाद खनिज महकमा भगवान भरोसे चल रहा है।
माइनिंग इंस्पेक्टर राजीव कदम और एक मैडम फिलहल यहां का प्रभार संभाले हुए हैं। एक खनिज निरीक्षक का पद खाली है।इससे अवैध उत्खनन करने वालों पर कोई अंकुश नहीं है। अवैध उत्खनन से कई गांवों के पहाड़ गड्डों में तब्दील हो गए हैं और नर्मदा नदी की रेत खदानों में पनडुब्बी व जेसीबी के जरिए अवैध उत्खनन का कार्य चल रहा है।
दरअसल, खनिज माफिया इतने हावी हैं कि वे बेधड़क बारना नर्मदा नदी के सीने को छलनी कर पनडुब्बी के जरिए बगैर रायल्टी के रेत निकालकर शहर में लोगों को मनमाने भाव में बेच रहे हैं। इससे शासन को भी लाखों रुपए की हर माह आर्थिक चपत लग रही है। रायसेन तहसील अंतर्गत ग्राम तिजालपुर पगनेश्वर नोनाखेड़ी धोबखेड़ी में अवैध रेत उत्खनन के मामले में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, यहां बड़े पैमाने पर नदी में से रेत को निकाला जा रहा है। जिले में भले ही खनिज की अनुबंधित फर्म का ठेका रद्द हो गया है, लेकिन फिर भी नदियों का सीना छलनी कर रोजाना सैकड़ों ट्राली रेत निकाली जा रही है। वैसे तो जिले भर के सभी हिस्सों में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, लेकिन तहसील बरेली उदयपुरा पास नर्मदा नदी में तीन पनडुब्बी उतारकर व तीन जेसीबी से रोजाना करीब 150 से 160 ट्रॉली तक रेत चुराई जा रही है। रेत के कारोबार से जुड़े जानकार बताते हैं कि एक ट्रॉली का रेत का बाजार मूल्य 4 हजार होती है यानि रोजाना चुराई जा रही रेत की अनुमानित कीमत 6 लाख 40 हजार रुपए तक होती है।
कई गांव खनन माफियाओं की चपेट में : सूत्रों ने बताया टपरा पठारी सूरई में सोडरा सुनहरा गांव समेत एक दर्जन से अधिक गांवों वर्तमान में पूरी तरह खनन माफियाओं की चपेट में हैं। यहां खनन माफिया पनडुब्बी के जरिए रेत निकाल रहे है। प्रतिदिन यहां से सौ से अधिक वाहन अवैध रूप से रेत भरकर बेचने के लिए ले जाई जा रही है।
पैमत रोड पर और बनछोड पहाड़ी मुरम खुदाई से हुआ खोखला: तहसील रायसेन के नजदीक चिकलोद रोड पर जहां कुछ समय से वीआरएस सड़क कंपनी सूरत गुजरात का काम सड़क निर्माण कार्यचल रहा है।सड़क निर्माण लागत करीबन 46 करोड़ की लागत से चल रहा है।, वहां तो अवैध उत्खनन कर वनविभाग राजस्व की जमीन को ही खोखला कर दिया है। आज वहां गड्ढे ही गड्ढे नजर हो गए हैं।