कविता-
*करोना आपद काल*
#अफ़सर की कलम से….
समय है आपद का, जल्द ही गुजर जायेगा,
तांडव जो हो रहा, वो भी थम जायेगा..!!
ठान लेना कोई ना जाये खाली,
जो तुमसे गुहार लगाए मदद की….!!
हाँ नहीं होगा कभी बेड,
ऑक्सीजन या दवाई कोई..
लगा देना शत प्रतिशत जोर…
निभा देना अपना किरदार…!!
ये सब भी ना हो गर,
तो कर लेना बात उनसे
सुन लेना दर्द उनका…
जो शब्द बोलोगे,
वो कानों तक नहीं, रूह तक पहुंचेंगे….
बिल्कुल वैसे ही…
जैसे तपती दोपहरी में पुरबाई का होता सुकून..
शीत में होता असर गुनगुनाती धूप का..
बन जाना मरहम किसी का…..
भर देना घाव तुम….
ये समय है आपद का,
चहुँ ओर तूफान है…
जल्द ही थम जायेगा…
©पूनम भास्कर ‘पाखी’
पीसीएस अधिकारी
डिप्टी कलेक्टर यूपी
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