साधु-संतों का हमेशा सम्मान करो पूज्या शीतल दीदी
पंचेश्वर धाम परिसर पर श्री रामकथा में भारी भीड़ उमड़ी



आलीराजपुर नि.प्र.। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु लोभ है। शिक्षा ही जीवन है। बच्चों को विद्या
अध्ययन के लिए स्कूल भेजना चाहिए। अल्पकाल में भगवान राम विद्या अध्ययन करके राजभवन
लोटे। संत कभी भी उग्र नहीं होते है। संत तभी व्यग्र होते है, जब राष्ट्र पर विपत्ती आ जाये। राष्ट्र
की सुरक्षा पर विपत्ती आने पर संतों को चिन्ता होती है। राष्ट्र व विश्व कल्याण के लिए संत
बड़े-बड़े यज्ञ करते है। महात्मा को सम्मान नहीं मिले तो कोई बात नहीं, किन्तु उनका अपमान भी
नही करना चाहिए। कोई भी साधु-संत अपना अपमान सहन नहीं करता है। उपरोक्त मधूर वचन
पंचेश्वर धाम परिसर पर आयोजित श्री रामकथा के पांचवे दिन अयोध्या धाम से पधारी कथावाचक
पूज्या शीतल दीदी ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर कही।
कथा का आयोजन सर्व हिन्दू समाज महिला मण्डल के द्वारा किया जा रहा है। कथा के पूर्व
सर्वसमाज महिला मण्डल ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा में आगे कहते हुए पूज्या शीतल दीदी
ने कहा कि कुलदेव वशिष्ठ ने कौशल्या की गोद में बालक का नामकरण किया व बालक का नाम
राम रखा। इसके बाद शत्रुध्न व व भगवान लक्ष्मण का भी नामकरण हुआ। इसी प्रकार कैकय ने
राजा भरत का नामकरण किया। भगवान राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न विद्या अध्ययन के लिए गुरू
वशिष्ठ के आश्रम गए। राजा जनक का मन राम व लक्ष्मण को देखकर आकर्षित हुआ। भगवान ने
ताड़का का वध किया व गंगा जी में स्नान किया।
जैसे ही पूज्या शीतल दीदी ने ” शिव जी नहाए तो बिरजी नहाए,” मीठे रस से भरीयो राधा
रानी लागे, महारानी लागे, कालो कालो जमुना जी ने पानी लागे”, एकली खड़ी हो एकली खड़ी,
मोहन आवो तो सरी, गिरधर आवो तो सरी”, “राम कहानी सुनो राम कहानी, श्री राम जय राम जय
जय राम” भजन गाया तो श्रद्धालु पूरे प्रांगण में नृत्य से झूम उठे व जमकर गरबा रास किया।
मीडिया प्रभारी कृष्णकान्त बेड़िया ने बताया कि आज मंच पर श्री राम गौशाला समिति के
सदस्य सुनील राठौड़, संजय गेहलोत, धर्मेन्द्र शर्मा, सपन जैन, प्रितेश राठौड़, रितेश राठौड़, रिंकु
जोशी, प्रेम माली, मोहित चौहान ने कथा वाचक पूज्या शीतल दीदी का श्री राम दरबार का चित्र
देकर सम्मान किया गया। श्री राम गौशाला समिति के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन गौमाता की सेवा एवं
पिड़ित गोमाता का ईलाज किया जाता है। आज पूज्या शीतल दीदी ने मंच पर बालकृष्ण गुप्ता ( बालु
भाई) परिवार, अरूण गेहलोत, उमेश वर्मा, स्वरूप क्षीरसागर, अश्विन पंवार, नानुराम माली, गणपत
गुप्ता, भागीरथ जी राठौड़ व दामोदर राठौड़ सहित अनेक व्यक्तियों का दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत
किया। आज की आरती के यजमान दशा वेष्णव पोरवाल समाज, जैन समाज अषाड़ा राजपूत समाज
थे। कथा का समापन 3 फरवरी को होगा। आज कथा में व्यासपीठ का पूजन प्रकाश गुप्ता (पिन्टू)
व मयूरी गुप्ता ने व सभी आरती के यजमानों ने कर दीदी से आशीर्वाद लिया व कथा को श्रवण
किया। कार्यक्रम का संचालन कमल राठौड़ ने किया। अंत में महा आरती के साथ खीरण की प्रसादी
का वितरण हुआ।
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