अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि में उम्र के सात दशक पूरे कर चुके बुजुर्ग दे रहें परीक्षा
बाला प्रसाद साहू रिपोर्टर




सतना: सतना के मैहर बायपास में संचालित एस एन एस महाविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की डिप्लोमा व पीजी डिप्लोमा के पाठ्यक्रमों की भी परीक्षाएं चल रही हैं। इनमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों में से कुछ की उम्र 70 से 75 वर्ष है। यहां ऐसे करीब दर्जन भर विद्यार्थी हैं जिन्हें परीक्षा अच्छे से देने की इच्छा तो है लेकिन परीक्षा की चिंता या भय नहीं है। दरअसल, हिंदी विश्वविद्यालय में संचालित डिप्लोमा और पीजी पाठ्यक्रम में किसी भी उम्र के व्यक्ति पढ़ाई कर सकते हैं। अतः इन पाठ्यक्रमों को पढ़कर वर्तमान में ऐसे विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं, जो 70 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं। उनका मानना है कि बोर्ड के विद्यार्थी सकारात्मक रहकर परीक्षा दें।
प्रदेश भर में अध्ययन केंद्र संचालित
हिंदी विश्वविद्यालय के प्रदेश भर में 170 अध्ययन केंद्र संचालित हैं और इन केंद्रों पर नियमित कक्षाएं लगाई जाती हैं। इन केंद्रों पर डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के 31 कोर्स संचालित हैं। ये सभी स्वरोजगार वाले पाठ्यक्रम हैं, जिसमें पढ़ने के लिए उम्र का बंधन नहीं है। प्रदेश भर में पांच हजार विद्यार्थी इस पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। इन कोर्सेस में छह हजार से लेकर 25 हजार तक का शुल्क लगता है।
इन पाठ्यक्रमों में कर सकते हैं पढ़ाई
इसमें योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, आधारभूत स्वास्थ्य संरक्षण, प्राथमिक चिकित्सा उपचार,अस्पताल प्रबंधन, फैशन डिजाइनिंग, जैविक कृषि एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन, हिंदी शीघ्रलेखन, मशरूम उत्पादन तकनीक एवं प्रबंधन, लोक संगीत, होटल मैनेजमेंट, प्राकृतिक फार्मा, सायबर कानून, आपदा प्रबंधन सहित अन्य पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा कराया जा रहा है।
वर्जन
-पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। मुझे भी अस्पताल प्रबंधन में कोई कोर्स करना था तो मैने प्रवेश ले लिया। बोर्ड के विद्यार्थी अपने अंदर आत्मविश्वास बनाकर रखें।
डा. सुरेश प्रसाद मिश्रा 75 वर्षीय, परीक्षार्थी
-मुझे मेडिकल से जुड़े नए-नए पाठ्यक्रमों को पढ़ना अच्छा लगा है, इसलिए इस कोर्स में शाशकीय सेवा से सेवानिवृत्त होकर भी प्रवेश लिया। विद्यार्थियों को परीक्षा देने तक हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
डा.समीर खरे 73 वर्ष
वर्जन
-बेसिक हेल्थ केयर का कोर्स कर रहा हूं। पहला पेपर था तो थोड़ा डर लगा, लेकिन अब अच्छा लग रहा है। विद्यार्थियों को अब अपनी तैयारी पूरी मानकर आत्मविश्वास से भरपूर रहें।
डॉ आर एन ओझा 74 वर्ष
वर्जन
-डिप्लोमा व पीजी डिप्लोमा के स्वरोजगार आधारित कोर्स में किसी भी उम्र के व्यक्ति पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो सेवानिवृत्त होने के बाद एक साल का डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं।
डॉ अमित सिंह
प्रभारी अध्ययन केंद्र सतना
अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय।
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