स्टेट हैड एम.पी. अभिषेक शर्मा

ख़िलचीपुर
शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर में साहित्य एवं समाज में नवीन शिक्षा नीति 2020 की भूमिका पर एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया बाहर से पधारे हुए वक्ता मुख्य अतिथि विशेष अतिथि सभी का स्वागत गीत के साथ माला पहनाकर स्वागत किया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला जी ने बताया कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी शिक्षा के नए नए आयाम स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करते हैं विशेष अतिथि जनभागीदारी अध्यक्ष श्री विशाल जी पारीक ने बताया कि राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का होना महाविद्यालय के लिए बड़े गौरव की बात है और इस संगोष्ठी के लिए उन्होंने सभी को बधाई दी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अग्रणी महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर के शर्मा जी ने बताया कि छोटे-छोटे क्षेत्रों में रिसर्च की बहुत आवश्यकता है इन राष्ट्रीय शोध सेमिनार के माध्यम से यह सार्थकता सिद्ध होगी संपूर्ण कार्यक्रम 4 सत्र में आयोजित किया गया।
प्रथम सत्र में डॉ खुशबू जैन ने पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी जिसमें बताया कि विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति मैं सर्टिफिकेट कोर्स डिग्री कोर्स में विद्यार्थियों को अपने मनपसंद साइंस के विद्यार्थियों को आर्ट्स के सब्जेक्ट पढ़ने की स्वतंत्रता है अर्थात नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण होता है द्वितीय सत्र के वक्ता डॉक्टर अनिल गुप्ता जी ने बताया कि पुरानी शिक्षा नीति और नई शिक्षा नीति में काफी बदलाव हुआ है जिसका फायदा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए विद्यार्थियों को मिल रहा है साथ ही साथ विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर की ओर नई शिक्षा नीति मैं पूरा जोर दिया गया तृतीय सत्र मैं डॉ रिया नीमा ने बताया की हमें नई शिक्षा नीति की जरूरत क्यों महसूस हुई और नई शिक्षा नीति को कैसे सार्थक बनाया जा सकता है नई शिक्षा नीति के माध्यम से नए-नए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं अर्थात नई शिक्षा नीति वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूर्णत: सार्थक है और इसका लाभ प्रत्येक विद्यार्थियों को मिलना चाहिए चतुर्थ सत्र के वक्ता डॉ धर्मेंद्र जाट सर ने बताया कि नई शिक्षा नीति की शुरुआत के साथ ही कोरोना की शुरुआत भी हुई थी लेकिन नई शिक्षा नीति में एक ऐसी पहल की गई जिसका लाभ सभी विद्यार्थियों को भविष्य में व्यक्तित्व निर्माण नेतृत्व क्षमता कौशल विकास होगा नई शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरु बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं निश्चित ही हमारा मध्य प्रदेश नई-नई ऊंचाइयों को शिक्षा के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है जो विद्यार्थी जितना ज्यादा अनुशासित होगा वह उतना ही नई शिक्षा नीति का लाभ ग्रहण कर पाएगा इसलिए नई शिक्षा नीति ना केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षा जगत के सभी विद्वानों के लिए भी महत्वपूर्ण है प्रत्येक सत्र के पश्चात प्रश्न मंच रखा गया विद्यार्थियों ने आकर सेमिनार का हर सत्र के पश्चात मंच पर आकर के फीडबैक प्रदान किया कार्यक्रम का सारांश महाविद्यालय के लाइब्रेरियन रमाकांत अठ्या जी द्वारा पढ़ा गया शोध संगोष्ठी मैं लगभग 200 से अधिक सहायक प्राध्यापक एवं छात्र छात्राओं, शोधार्थियों ने पंजीयन करवाये कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए एवं सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया अंत में महाविद्यालय जनभागीदारी अध्यक्ष श्री विशाल जी पारीक द्वारा आभार व्यक्त किया । संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ राजेश कुमार दांगी सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र संगोष्ठी संयोजक द्वारा किया गया । कार्यक्रम संगोष्ठी समन्वयक शिवनाथ कुमार शर्मा सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी संगोष्ठी सचिव क्रीड़ा अधिकारी सुदीप सिंह यादव संगोष्ठी सहसंयोजक आनंद सिंह ठाकुर सहायक प्राध्यापक भूगोल, एवं तकनीकी कार्य हितेश गुरगेला ने सम्पन्न किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय प्रो कृष्णा नागर, मुख्य लिपिक आर के नायक, लेखापाल शाहिदा कौसर सिद्दिकी,स्टोर प्रभारी डी एस भिलाला, हरिओम गुरगेला,,गोकुल जाटव,डॉ प्रिया साहू,सुवर्णा मोघे,सहित महाविद्यालयों के प्रोफेसर, शिक्षाविद, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष सहित महविधालय का स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे एवं सभी छात्र छात्राओं ने इसमें बढ़-चढ़कर अपना योगदान प्रदान किया!!
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