बाल विवाह की सूचना मिलने पर रविवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के दल ने समझाईश देकर बाल विवाह रूकवाया। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि अज्ञात बाल विवाह की सूचना मिलने पर हरदा ग्रामीण की प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती प्रीति शर्मा, पुलिस विभाग की टीम व पर्यवेक्षक सोनाली गौर के साथ ग्राम पंचायत गुठानिया के ग्राम पारदीढ़ाना पहुँची, जहां एक घर में विवाह की तैयारियां चल रही थी। प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती शर्मा ने बालिका के जन्म प्रमाण-पत्र को देखा, जिसमें बालिका की जन्म तिथि 12 मई 2009 थी। श्रीमती शर्मा ने बालिका व परिजनों को बाल विवाह करने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मिलने वाली सजा एवं अर्थदण्ड के बारे में बताया, जिससे परिवार वाले व बालिका के माता-पिता बाल विवाह नहीं करने को तैयार हो गये।
*बाल विवाह रूकवाने के लिये कहाँ करें सूचना*
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री त्रिपाठी ने बताया कि बाल विवाह की सूचना समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत किशोर न्याय अधिनियम के तहत ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति से की जा सकती है। इस समित में सरपंच, पंचायत सचिव, वार्ड पंच, प्रधानाध्यापक, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में बाल विवाह की शिकायत वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति से की जा सकती है। इस समिति में पार्षद, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधानाध्यापक, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी तथा स्वास्थ्य कर्ता शामिल है।
ब्यूरो रिपोर्ट हरदा ✍
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