*श्रीमद्भागवत कथा में वहीं रसधार*
*श्रीकृष्ण जन्म का महाउत्सव मनाया*
मेहगांव : श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर भाव विभोर होकर झूमे श्रौता,
पर्रावन और धमसा के बीच सिध्दबाबा मंदिर पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया जिसमें कथा वाचक पं श्री अनमोल क्रष्ण जी महाराज व्रंदावन धाम, एंव मुख्य यजमान विश्वनाथ उपाध्याय धमसा, रामनिवास शर्मा धर्मकांटा मालनपुर व्दारा श्रीमद्भागवत कथा में आज चौथे दिवस पर योगेश्वर भगवन श्री कृष्ण जन्म की कथा का उल्लेख करते हुए पं अनमोल जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारागार में संपन्न हुआ देवकी बासुदेव के कष्टों का निवारण करते हुए भगवान श्रीकृष्ण कारागार से मुक्त होकर माता यशोदा की गोदी में जा पहुंचे अपनी बाल लीलाओं से मइया यसोदा नंदवावा को सुख देते हुए समस्त नगर वासियों के प्राणाधार हो गये,
नगर के ग्वाल बाल के साथ बाल लीलाओं के साथ साथ सखियों के माखन को चुराकर खाने लगे और सबके चितचोर व माखन चोर कहलाये,
जीव और ब्रह्म में बस यही अंतर है जीव माया से मोहित होकर अपने मुख्य मार्ग से भ्रमित हो जाता है जबकि ब्रह्म अपने लक्ष्य को ध्यानपूर्वक रखते हुए संसार में लीलाएं करते हुए आगे बढ़ता है,
भगवान और इंसान में बस यही तो फर्क है इंशांन अपने लक्ष्यों पर नजर क्रेदित रखते हुए काम करता है और अपने किते हुए कर्मों का भोक्ता बनता है,
परंतु भगवान का कर्म निष्काम होकर धर्म की रक्षार्थ होकर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना को प्रेरित करता है,
मनुष्य के कर्म सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय हो तो मनुष्य भी कर्मफल से मुक्त रहता है,
भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भाव विभोर होकर श्रोताओं ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस पर बधाई गीत गाए।
गिरजेश पचौरी पत्रकार मेहगांव मोबाइल नंबर 9926264754
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