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Dharmendra Singh

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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

राहुल राठोड़ रिपोर्टर

जो गुरु के दर पर जाते है भगवान स्वयं उनके घर आते हैं …पं. राम अवतार
बरसते हुए पानी मे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया,
राजोद।।श्रीरामबोला धाम मंदिर परिसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सप्ताह के चौथे दिन शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई गई। भगवान का जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। पंडाल को गुब्बारों से सजाया गया। जन्मोत्सव के दौरान पंडाल में भगवान का जयघोष गूंजा तोप से पुष्प वर्षा तथा टॉफीकी भी बारिश की गई। माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया।जेसे ही रामबोला धाम मंदिर से वासुदेव जी सिर पर टोकरी मे विराजे श्रीकृष्ण को लेकर आए पूरा पांडाल धर्म मय हो गया लोग झुम उठे इसी दौरान इंद्र देव मेहरबान हो गए बारिश प्रारंभ हो गई लोग भिगते हुए पानी मे भी झुम उठे।नंद घर आनंद भयो जयहो नंदलाल की ध्वनि से गुंजायमान ह़ो गया ।बालिकाओं व महिलाओं ने गरबा रास खेला। जीवात्मा को मनुष्य शरीर परमात्मा को प्राप्त करने के लिए मिला है। सच्चे संत, सतगुरु सच्ची भक्ति का उपदेश करते हैं। वेद, शास्त्र, उपनिषद, रामायण, गीता भागवत पढ़कर और सुनकर अपने जीवन को धन्य बनाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।जो गुरु के दर पर जाता है ,भगवान स्वयं उसके घर आते है उक्त बात कथा के चोथे दिन पं. राम अवतार महाराज ने कही ।पुण्य कभी किसी को दगा नहीं देता है और पाप कभी किसी का सगा नहीं होता है। कर्म बीज के समान होता है जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत के आचार्य महामुनि सतगुरु श्री शूकदेव जी महाराज ने सम्राट परीक्षित जी को समझाया कि प्रत्येक मनुष्य मात्र को परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास अवश्य ही करना चाहिए। इसके लिए कुछ समय निकालकर स्वाध्याय, सत्संग, जप, तप, ध्यान, संयम और त्याग अवश्य ही करना चाहिए। सत्संग दिव्य जीवन का मार्गदर्शन प्रदान करता है। सत्संग की महिमा है साधारण मनुष्य के जीवन में भी दिव्यता आ जाती है। परमात्मा कहीं और नहीं है। जहां तुम हो वहीं उसका अनुभव हो सकता है। सच्ची श्रद्धा, भक्ति और
विश्वास के साथ दृढ़तापूर्वक
साधना, उपासना सदाचार
शिष्टाचार का पालन करते रहें।
जितने तुम एकांत में रहते हो उतने
शांत रहते ही अप्राप्त है उसे पा
लेना कठिन नहीं है लेकिन जो प्राप्तहै, उसे खोकर फिर प्राप्तकरनाअत्यधिक कठिन हो जाएगा। संसारकी नश्वर वस्तुओं को फिर से
वापस पाया भी जा सकता है
लेकिन दिव्य, देव दुर्लभ मनुष्य
शरीर दोबारा प्राप्त करना बहुत
कठिन हो जाएगा। संसार में कोई
भी मनुष्य सर्वगुण संपन्न नहीं होता है, इसलिए कुछ कमियों को नजरंदाज करते हुए अपने घर परिवार और रिश्ते निभाते हुए जीवन बिताएं। संसार में मनुष्य धन की कमी से दुखी नहीं है, प्रभु ध्यान की कमी से दुखी हैं और रहेगा। उन्होंने कहा कि सत्संग से मनुष्य महान कर्म करता है। सत्संग से बढकर है, ll
लगभग 15 मिनट तेज बारिश हुई कथा स्थल पांडाल पर कथा सुनने आए लोग बरसाती तिरपाल से ढककर पांडाल मे बारिश रूकने का इंतजार करते रहे।बारिश रूकने के बाद लोग प्रसाद लेकर निकले।
फोटो केप्शन राजोद।। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का