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Dharmendra Singh

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October 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

महराजगंज: जनपद के फरेंदा कस्बे में महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर वृक्षारोपण कर याद किया गया । प्रभारी निरीक्षक गिरजेश उपाध्याय ने कहा की शुद्ध पर्यावरण पर ही मानव जीवन आश्रित है। पर्यावरण को शुद्ध रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्म दिवस पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। आने वाले समय में लगाए गए पौधे वृक्ष बनकर हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध व स्वच्छ पर्यावरण दे सकें। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर उनको याद किया।

नगर अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 को हुआ। 27 फरवरी 1854 को लार्ड डलहौजी ने गोद की नीति के अंतर्गत दत्तकपुत्र दामोदर राव की गोद अस्वीकृत कर दी। झांसी की रानी ने पैंशन अस्वीकृत कर दी व नगर के राजमहल में निवास करने लगीं। अंग्रेजों की राज्य लिप्सा की नीति से उत्तरी भारत के नवाब और राजे-महाराजे असंतुष्ट हो गए और सभी में विद्रोह की आग भभक उठी। 23 मार्च 1858 को झांसी का ऐतिहासिक युद्ध आरंभ हुआ। रानी लक्ष्मीबाई ने सात दिन तक वीरतापूर्वक झांसी की सुरक्षा की और अपनी छोटी-सी सशस्त्र सेना से अंग्रेजों का बड़ी बहादुरी से मुकाबला किया। 18 जून 1858 को ग्वालियर का अंतिम युद्ध हुआ और अंतत: उन्होंने वीरगति प्राप्त की। युवा मोर्चा विक्की अग्रहरि, शिवम जायसवाल नवीन सोनकर ,विकास चौरसिया ने कहारानी लक्ष्मीबाई वीरगति को प्राप्त हुई थीं। हर साल 18 जून का दिन राष्ट्रभक्ति के प्रतिमूर्ति रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के रूप में उनके शौर्य की याद दिलाता है इस दौरान , भाजपा के अजहर अली,प्रवीण गौड़, रवि मद्धेशिया, मोहम्मद हसन, विक्रांत अग्रहरि,अमित अग्रहरि, छोटू, हिमांशु यदि लोग मौजूद रहे!