एस पाटीदार रिपोर्टर




राजा भगीरथ ने अपने पुरखों का उद्धार करने के लिए मां गंगा को स्वर्ग से इस धरती पर लाए ।
लोकेशन:–मनावर।
विओ:—-“नानी बाई नो मायरो “की कथा के द्वितीय दिवस पर चैतन्य धाम में कथाकार जोधपुर राजस्थान से आए राम जी राम श्री अमृत राम जी शास्त्री ने भजन गीत ” थारो रे भरोसो ,सांची रे साँवरिया ” ।” तु ही तु ही याद आवे रे , दर्शन दिजो ” गाकर कथा प्रारंभ की । भगवान कृष्ण ने नरसी मेहता के ऊपर 56 बार कृपा करें ।कृष्ण ने 56 करोड का मायरा भरा ।सेवा, सत्कर्म और दान मे कमी नहीं होनी चाहिए। पद है तो सम्मान करना चाहिए। वट वृक्ष मे शिव,पीपल वृक्ष मे विष्णु और आंवला मे ब्रह्मा जी का वास होता है। राजा भगीरथ ने अपने पुरखो का उद्धार करने के लिए मां गंगा को गंगा दशहरा के दिन स्वर्ग से धरती पर लाए थे। मनावर के पास गांगली गाॅव के निकट मां गंगा स्वयं मां नर्मदा से मिलने इसी दिन जाती है। इस प्रकार का उल्लेख सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा कथाकार ने ये बातें कहीं। मां मां होती है। मां ममता का महाकाव्य है। मां आराधना का स्वरूप है ।मां का मां शीतल है ।मां कोमल है । मां का गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नानी बाई रो मायरो में मायरा ले जाते समय जूनागढ़ में नरसी की भक्ति की परीक्षा होती है ।भगवान कृष्ण स्वयम 56 करोड का मायरा लेकर देते हैं। भक्ति मे भरोसा होना चाहिए।सर्व कार्य सफल हो जाते है। कथा के आयोजक स्वर्गीय पंडित धर्मेंद्र शर्मा की स्मृति में उनके पुत्र अमित शर्मा द्वारा हो रहा है।अमित शर्मा गीता ज्ञान प्रचारक समिति के सचिव एवम सेवाभावी भी है। पंडित अमृत राम जी शास्त्री का स्वागत रजनी-अमित शर्मा, मोनिका-रवि शर्मा, कल्याणी बसंती बाई शर्मा, मुकेश मुकाती,अध्यापक जगदीश पाटीदार ,कान्हा शर्मा ,नन्नु शर्मा ने कुमकुम से पूजन- अर्चन कर पुष्प मालाओ से सुशोभित किया।
More Stories
नपाध्यक्ष हेमकुंवर मेवाड़ा ने सौंपे हितग्राहियों को संबल अनुग्रह सहायता राशि के स्वीकृति पत्र
दक्षिण पन्ना वन विभाग का ग्राम विकास में अभिनव प्रयास : सौर ऊर्जा से रोशन हुए 10 गाँव
आष्टा जूनियर त्रिकोणीय सीरीज लेदर बॉल क्रिकेट का हुआ समापन