महेश गणावा की रिपोर्ट
वृद्धो के लिए होल्डिंग हैंड्स जैसे संस्थाओ की जरुरत है जानते है डॉ सुमित्रा से।


डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब वास्तु सुमित्रा
एंकर
वृद्ध लोगों को समाज में एकीकृत करने, उनकी कार्यक्षमता और जीवन गुणवत्ता बढ़ाने के मुद्दे इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि उम्र बढ़ने के सामाजिक मूल्य पर विचार करना एक आवश्यकता बन गया है। विशेष रूप से परिवार का समर्थन, आत्मविश्वास, स्नेह और रुचि वृद्ध व्यक्तियों को उम्र बढ़ने को दयालुता से लेने, इसकी समस्याओं से निपटने और खुद को समाज द्वारा देखभाल किए जाने वाले व्यक्ति के रूप में देखने और एक स्वस्थ, खुश और संतोषजनक उम्र बढ़ने में सहायता करने में महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं। उम्र बढ़ना और बूढ़ा होना शब्द का सबसे अच्छा मूल्यांकन पारिवारिक संरचना के भीतर ही किया जा सकता है।
परिवार के सदस्यों की उपेक्षा कई लोगों को बच्चों के साथ रहने के बजाय डे केयर सेंटर और वृद्धाश्रम को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करती है।
वही दुसरी और ऐसे भी सेंटर्स है जो वृद्धो के मनोरंजन की बात सोचते है। ऐसा ही रेनू टोडी और विधि अग्रवाल ने सोचा और किया है। इन्होने बुजुर्ग अवकाश केंद्र होल्डिंग हैंड्स में वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार समरक्ष फाउंडेशन की एक पहल की है कोलकाता में , यह समुदाय विभिन्न प्रकार के आयोजनों और अनुभवों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार करना चाहता है। इस पहल की प्राथमिक चिंता ख़ुशी है। हम अपने हाथ बढ़ाते हैं और उन हाथों को पकड़ने के लिए आगे बढ़ते हैं जो हमें दिए गए हैं। बुजुर्गों को उनके जुनून को व्यक्त करने, प्रयोग करने और जांच करने में सहायता की जाती है जिन्हें नए जोश के साथ सफल जीवन की तलाश में नजरअंदाज कर दिया गया था और दबा दिया गया था।
संस्थापक, जो अपने विषयों में विशेषज्ञ रहे हैं और समुदाय की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वरिष्ठों की उपलब्धियों और बलिदानों को पहचानने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें सफलता और जिम्मेदारी की तलाश में छिपा दिया गया है और भुला दिया गया है। होल्डिंग हैंड्स के सभी बुजुर्ग और परिवार के सदस्य उत्साही स्वयंसेवकों के नेतृत्व में आनंददायक मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से आनंददायक संबंध महसूस करने के लिए हैं।
सहभागिता के सकारात्मक निर्माण का उद्देश्य मनोसामाजिक सिद्धांतों का उपयोग करके लंबे समय से भूले हुए लक्ष्यों, पछतावे, नाराजगी और उपेक्षा से निपटने में प्रतिभागियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
ऐसे अवसरों के साथ जो विशेष रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए तैयार किए गए हैं, हाथ थामने के लिए उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति विशिष्ट होगा।
हाल ही मे होल्डिंग हैंड्स में जाकर मैंने लोगो को आपने आपे में आने के लिए क्या करे , कैसे खुद को ठीक करे उस पर वार्ता दी। वास्तु पांच तत्वों की बात करते है, हमारा शरीर भी पांच तत्वों से बना है, ये विश्व , ब्रह्माण्ड भी पांच तत्वों से बना है और इनके संतुलन से जीवन में ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु की एनर्जी को कैसे सकारात्मक रूप से जीवन में लाये इस पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में आगे ये भी बताया गया की किस प्रकार प्राकृतिक ऊर्जा को अपने अंदर लाया जाये और अपने अंदर की बीमारी को ठीक किया जाये। उम्र महज एक अंक है । अगर शरीर और दिमाग की ऊर्जा को ठीक तरीके से संचालित किया जाये तो जीवन की आखिरी पारी भी सुखद होगा। मान को प्रसन्ना करने का काम होल्डिंग हैंड्स कर रहे है। देश में ऐसे संस्थानों की बहुत जरुरत है। आज सुरवात कोलकाता से हुई है, कल पूरा देश आगे आएगा, हर राज्य में ऐसे संसथान होने चाहिए जहा बुजुर्ग अपने जीवन को खुस मिजाज दिशा दे सके। रेनू जी और विधि जी सआईक्योलॉजिकल कोउन्सेल्लोर है और चिकित्सक डॉ सागर भी इस संस्था में बुजुर्गो की मदद के लिए है। ऐसे नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन की समाज को आवस्यकता है।
महेश गणावा की खास रिपोर्ट
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