बुद्धनाथ चौहान की रिपोर्ट
सास ससुर ने विधवा पुत्रवधू को अपनी बेटी बनाकर अपने घर से की नमन आंखों से विदाई दी

परासिया विकासखंड शंकरगढ़ रावण वाडा निवासी दंपति मंगल बावरिया एवं आशा बावरिया के पुत्र जय बावरिया का विवाह सागर में संपन्न हुआ था। जिसकी मृत्यु विवाह के 1 वर्ष बाद हो गई विधवा बहू को प्रतिदिन दुखी हुआ उदास देख-देख कर सास ससुर मंगल बावरिया आशा बावरिया जेठ जेठानी प्रेम बावरिया पूनम बावरिया दीपक बावरिया मंजू बावरिया बेचैन रहते थे परिवार के इन लोगों ने विधवा बहू की माता तथा भाइयों एवं भाभियों से बहू की दूसरी शादी अपने घर से करने ज्ञकी इच्छा जाहिर की तब लड़की के मायके वालों ने स्वीकृति प्रदान की। आशा बावरिया मंगल बावरिया ने न्यूटन नंबर 13 निवासी स्वर्गीय माता दीन मीरा कैथावास के पुत्र अजय बावरिया के साथ गायत्री मंदिर परासिया में अपनी बहू राखी पिता स्वर्गीय फूलचंद माता कमला रानी पासी का विवाह संपन्न करवाया तथा विवाह पश्चात वर एवं वधु दोनों परिवार के सदस्यों को शंकरगढ़ रावण वाडाले जाकर भोजन करवाया और अपने घर से बहू की बेटी की तरह विदाई की।। विदाई का माहौल इतना संगीन था देखने वालों को समझ नहीं आ रहा था।कि यह घर की बहू की विदाई है या बेटी की सास ससुर की आंखों से माता-पिता की तरह अश्रु बिंदु झलक रहे थे। आंसुओं को देखकर समझ पाना मुश्किल हो रहा था कि बुजुर्ग दंपति की आंखों में बेटे के बिछड़ने का दुख है या बहू का जीवन संसार बसने का सुख ।।विवाह कार्यक्रम में पासी समाज संगठन के अध्यक्ष ताराचंद बावरिया सचिव राजन कैथवास कोषाध्यक्ष नारायण कैथवास मंगरूलाल सुमन कृष्णकांत बावरिया शीतल दिन बावरिया मथुरा प्रसाद बावरिया मोहन बावरिया वह अन्य सामाजिक बंधु उपस्थित रहे जिन्होंने वर वधु को आशीर्वाद प्रदान किया।।परासिया पासी समाज में यह प्रथम प्रसंग है जिसमें सास ससुर ने अपनी बहू का दूसरा विवाह बहुत ही धूमधाम से किया।
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