आष्टा /किरण रांका
जीवन में आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं ,जो कुछ भी करना चाहते हैं उसके लिए आत्मविश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है ।आत्मविश्वास को सफलता की कुंजी अर्थात चाबी माना जाता है ।आत्मविश्वास से ही सफलता के दरवाजे खुलते हैं। सफलता के वास्तविक अर्थ को जानना बहुत जरूरी है ।सफलता कोई एक दिन में मिलने वाली चीज नहीं है ।इसके लिए सतत मेहनत, परिश्रम आपको करना पड़ता है। यह सब बातें टॉपर्स पॉइंट क्लासेस पर मोटिवेशनल सेमिनार में मोटिवेशनल स्पीकर और करियर काउंसलर सम्राट ढोके द्वारा बताई गई। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि जीवन में हर चीज संभव है अगर आप ऐसा सोचते हैं तो। आपका जो भी सपना है, जो भी लक्ष्य है ,उद्देश्य है हर चीज पूरी की जा सकती है, अगर आप उसके लिए रात दिन मेहनत कर रहे । सफलता प्राप्त करने के लिए एक सही प्लानिंग अर्थात रणनीति के साथ आपको आगे बढ़ना पड़ेगा। इसके लिए सर्वप्रथम आपको आपका लक्ष्य ,उद्देश्य निर्धारित करना पड़ेगा ।उसके पश्चात वहां तक पहुंचने का क्या रास्ता हो सकता है ,मार्ग हो सकता है और उस रास्ते का ज्ञान प्राप्त करके उस लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ना पड़ेगा। पूरे 24 घंटे के लिए एक प्लानिंग होनी चाहिए अर्थात 24 घंटे का पूरा हिसाब किताब आपके पास होना चाहिए कि आपको कौन सा सब्जेक्ट किस समय और कितने घंटे पढ़ना है । यह सारी चीज टाइम टेबल मे नोट होनी चाहिए ।हम सभी जानते हैं कि आज का समय स्मार्ट युग के नाम से जाना जा रहा है ,तो स्मार्टनेस हमारे हर काम में भी झलकहीं चाहिए । देश के प्रसिद्ध लेखक शिवखेडा का कहना है कि,” जीतने वाले कोई अलग काम नहीं करते ,वह हर काम को अलग ढंग से करते हैं “। आपका जो ढंग है ,आपका काम करने का जो तरीका है वही आपको दूसरों से अर्थात औरों से अलग कर सकता है ।वही आपको सफल बना सकता है ।सफलता प्राप्त करने के लिए अपने जीवन शैली को इस प्रकार बनाएं कि जो लक्ष्य है उद्देश्य है वह आपको आसानी से प्राप्त हो सके।
परीक्षा की इस घड़ी में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जिससे कि आपकी पढ़ाई भी अच्छी हो सके और साथ ही साथ आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सके। इस समय आप अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने खान-पान का भी विशेष रूप से ध्यान रखें और साथ ही साथ पढ़ाई के साथ-साथ आपको आपकी नींद भी पर्याप्त प्राप्त होनी चाहिए। इसके अलावा जितना हो सके इस समय आप डिजिटल गैजेट्स से दूर रहे अर्थात कम से कम उसका उपयोग करें क्योंकि इन गैजेट्स से मन की स्थिति में भटकाव उत्पन्न हो सकता है ।इस समय नया कुछ भी न पढे ,बल्कि जो आप पूरे वर्ष भर से पढ़ रहे हैं चाहे वह गाइड हो ,चाहे नोट्स हो या आपकी किताबें हैं उनमें जो चीज आपने नोट करके रखी है उन्हीं से पढे। उनकी बार-बार रिवीजन करें । याद रखें कि प्रैक्टिस से व्यक्ति परफेक्ट बनता है । इसलिए प्रैक्टिस में निरंतर होनी चाहिए ।परीक्षा केंद्र पर भी समय से पहुंचे । वहा प्रश्न पत्र हल करते समय पूरे तीन घंटा का उपयोग करना चाहिए । सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करें जिनके उत्तर आप बहुत अच्छे से और सटीक रूप से जानते हैं। पूरे परीक्षा के दौरान पॉजिटिव बने रहे । हमेशा सकारात्मक सोच रखे । किसी प्रकार का निगेटिव विचार मन में नहीं आना चाहिए। याद रखें कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है और नहीं कोई एक क्लास हमारे भविष्य का निर्धारण कर सकती है ।कई बार यह हम देखते हैं कि कुछ लोग स्कूली एजुकेशन में तो कुछ ज्यादा बड़ा कमाल नहीं कर पाए ,किंतु बड़े होकर उन्होंने बहुत नाम कमाया ,सफलता के शीर्ष पर पहुंचे। इसलिए अपने स्तर से जितनी मेहनत हो सकती ,जितनी पढ़ाई हम कर सकते उतनी करते रहे ।और अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर बढ़ते रहे। गीता में भी कहां गया है कि हमे बिना फल की चिंता किए कर्म करते रहना चाहिए । इस अवसर पर संस्था के डायरेक्टर जगदीश मेवाड़ा एवं अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।
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