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Dharmendra Singh

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सच दिखाने की हिम्मत

‘‘अपराध अनुसंधान में वैज्ञानिक एवं तकनीकी साक्ष्य संकलन’’ विषय पर ग्वालियर जिले के पुलिस अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

ग्वालियर। 26.02.2024। आज पुलिस कंट्रोल रूम सभागार ग्वालियर में ग्वालियर जिले के पुलिस अधिकारियों के लिये ‘‘अपराध अनुसंधान में वैज्ञानिक एवं तकनीकी साक्ष्य संकलन’’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में वैज्ञानिक अधिकारी एवं पूर्व निदेशक एफ.एस.एल. म0प्र0 डॉ. हर्ष शर्मा के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविन्द सक्सेना,भापुसे एवं पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल,भापुसे की उपस्थिति में पुलिस अधिकारियों को व्याख्यान दिया जाकर प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर अति. पुलिस अधीक्षक शहर(पश्चिम) श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान, अति. पुलिस अधीक्षक (मध्य) श्री अखिलेश रेनवाल जिले के समस्त सीएसपी/एसडीओपी, रक्षित निरीक्षक ग्वालियर श्री सत्य प्रकाश मिश्रा एवं थाना प्रभारी व विवेचकगण उपस्थित रहे।

कार्यशाला के प्रारम्भ में सर्वप्रथम पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन एवं पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा डॉ. हर्ष शर्मा को पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया, तद्उपरान्त पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया। इस अवसर पर उन्होने उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि अनुसंधान में वैज्ञानिक साक्ष्य का बहुत महत्व है अपराध विवेचना में साक्ष्य संकलन में विधि के साथ पारम्परिक ज्ञान कर समन्वय जरूरी है। उन्होने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आज की प्रशिक्षण कार्यशाला आप सभी के लिये बहुत लाभप्रद होगी इसका अधिक से अधिक लाभ उठायें।

पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविन्द सक्सेना,भापुसे ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा फोरेंसिक साइंस आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि जिन वारदातों में पुलिस एकाएक कोई निर्णय नहीं ले पाती है उन उलझे हुए मामलों को फॉरेंसिक साइंस की मदद से सुलझाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और प्रत्येक पुलिस अधिकारी को फॉरेंसिक साइंस की कार्यप्रणाली से अवगत होना चाहिए। इसके लिए यह प्रशिक्षण कार्यशाला अनुसंधान में आपके लिये बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
डॉ. हर्ष शर्मा ने राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला म0प्र0 के निदेशक के रूप में कार्य किया है। वह सीन ऑफ क्राईम में एक्सपर्ट हैं। उन्होने अपने कार्यकाल में लगभग 4 हजार आपराधिक घटना स्थलों की जांच की है। जिसमें हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना, बलात्कार, विस्फोट और आगजनी के मामले शामिल है। वह नौकरी के प्रारम्भ में ग्वालियर एफएसएल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

वैज्ञानिक अधिकारी एवं पूर्व निदेशक एफ.एस.एल. म0प्र0 डॉ. हर्ष शर्मा के द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला में वर्तमान समय में अनुसंधान में नये-नये बदलावों पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से व्याख्यान दिया। इस अवसर पर उन्होंने सीन ऑफ क्राईम पर एविडेंस कलेक्शन से लेकर उनका न्यायालय में प्रस्तुतीकरण करने के संबंध में पुलिस अधिकारियों जानकारी दी गई। उन्होने इस अवसर पर कहा कि साक्ष्य एकत्रित करने में आप जितना परफेक्ट होंगे उतना ही आपका केस मजबूत होगा और न्यायालय में आरोप सिद्ध करने में सहायक होंगे। उन्होने पुलिस अधिकारियों से कहा कि घटना स्थल को देखने का नजरिया आप लोगों का आम लोगों से अलग होना चाहिए। आप जब बारीकी से घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे तो आपको घटना स्थल से ही घटना के संबंध में काफी कुछ मिल जाएगा। विवेचक को अपराध अनुसंधान पारदर्शी तरीके से करना चाहिए जिससे किसी प्रकार का आरोप प्रत्यारोप न लगे। उन्होेने प्रेजेंटेशन के माध्यम से घटना स्थलों से एकत्रित किये गये वैज्ञानिक साक्ष्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला के दौरान उन्होने अपने अनुभवों को भी साझा किया और बताया कि किस प्रकार पुलिस अधिकारी घटना स्थल को देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि घटना उसके द्वारा स्वयं कारित की की गई है या किसी अन्य के द्वारा। प्रशिक्षण कार्यशाला में उनके द्वारा भारत तथा ग्वालियर के प्रमुख केसों और उनके द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर किये गये खुलासे से भी पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया।

प्रशिक्षण कार्यशाला के अंत में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविन्द सक्सेना,भापुसे एवं पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल,भापुसे द्वारा पूर्व निदेशक एफ.एस.एल. म0प्र0 डॉ. हर्ष शर्मा को स्मृति चिन्ह भेट कर प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित होकर पुलिस अधिकारियों को सीन ऑफ क्राईम पर एविडेंस कलेक्शन संबंधी अपने अनुभवों से लाभान्वित करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।