आष्टा /किरण रांका
बहन सिर्फ एक रिश्ता ही नही बल्कि एक पदवी भी है ब्रह्मा कुमारी आश्रम से जुड़ी बहने इस रिश्ते को और इस रिश्ते के बंधन को मजबूत करने के लिए संकल्पित हैं सास्कृतिक पर्वों को शास्त्रोक्त तरीके से मनाना प्रजापिता ब्रह्म कुमारी आश्रम की प्राथमिकता में शामिल है । त्योहारों के प्रति सक्रियता और सहभागिता हमे धर्म और संस्कृति से जोड़ती है । भैया कैलाश परमार जैसे शालीन व्यक्तित्व का प्रोत्साहन और सहयोग हमे मिलता रहा है । प्रजापिता ब्रह्म कुमारी आश्रम की बहन कुसुम दीदी और नीलिमा दीदी ने पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार को राखी बांध कर यह उद्गार व्यक्त किये । बहनों ने भाई बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन की सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रक्षा सिर्फ रिश्तों की ही नही की जाती बल्कि हर दीन हीन जरूरत मन्द की सेवा और रक्षा का संदेश भी यह पर्व हमे देता है ।
पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने अपने सम्बोधन में रक्षा पर्व पर पधारी बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि आश्रम की बहनों के स्नेह से मैं खुद को उपकृत महसूस कर रहा हूँ । उनके संदेश हमे वेहतर कार्य करने की प्रेरणा देते हैं । ब्रह्मकुमारी कुसुम दीदी तथा नीलिमा दीदी ने पूर्व नपाध्यक्ष को आश्रम का प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया । कैलाश परमार ने प्रजापिता ब्रह्म कुमारी आश्रम शांति सरोवर की बहनों और भाइयों को रक्षा बंधन की बधाई दी । इस अवसर पर प्रभु प्रेमी संघ के महासचिव प्रदीप प्रगति , वरिष्ठ व्यवसायी और समाजसेवी राजकुमार साहू , सुनील प्रगति , अधिवक्ता वीरेंद्र परमार ने भी बहनों का सम्मान और सत्कार किया ।
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