सुनील काॅंकर
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महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री के आदर्शो को सभी को अपनाना चाहिए – कांग्रेस
जिला कांग्रेस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती मनाई
भिण्ड । बीटीआई रोड़ पर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर संगोष्ठी आयोजित कर जयंती मनाई गई।
संगोष्ठी में नेताद्वय की जीवन पर प्रकाश डालते हुए जिला संगठन मंत्री इरशाद अहमद,जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव,अनु. जाति समन्वय समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल चौरसिया,जिला मीडिया प्रभारी पंकज त्रिपाठी,जिला कोषाध्यक्ष योगेश कुमार शाक्य ने विचार रखते हुए कहा कि 2 अक्टूबर भारत में एक महत्वपूर्ण तिथि है,क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और देश की राजनीति में उनके योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है।
लोग उन्हें महात्मा और राष्ट्रपिता भी कहते है। गांधी जी का जीवन शांति और अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर आधारित था । उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध की अनूठी रणनीति अपनाई। गांधी जी ने नमक कर के खिलाफ 240 मील लंबा पैदल मार्च किया,जिसे दांडी यात्रा कहा जाता है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
गांधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन ने अंग्रेज़ी कानूनों का शांतिपूर्ण उल्लंघन करते हुए स्वतंत्रता संग्राम को बढ़ावा दिया। गांधी जी का जीवन सरल और स्वावलंबन पर आधारित था। वह अपने लिए कपड़े खुद बुनते थे और चरखा चलाने का महत्व बताते थे। विश्व शांति के प्रतीक गांधी जी की अहिंसक विचारधारा ने न केवल भारत,बल्कि पूरे विश्व में प्रेरणा दी। नेल्सन मंडेला जैसे कई नेताओं ने उनके सिद्धांतों का अनुसरण किया,किंतु उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला,लेकिन उनकी विचारधारा के लिए वे हमेशा से एक बड़े सम्मान के पात्र रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी अपने साधारण स्वभाव और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उनका आदर्श वाक्य था सादा जीवन,उच्च विचार। शास्त्री जी ने जय जवान,जय किसान का नारा जो भारतीय सेना और किसानों के लिए प्रेरणा बना,यह नारा आज भी भारतीय समाज के मूल्यों को दर्शाता है। शास्त्री जी ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति की शुरुआत की। इससे भारत कृषि क्षेत्र में मजबूत बनकर उभरा ।
शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने,उनके कार्यकाल में भारत ने युद्ध और खाद्यान्न संकट के बावजूद प्रगति की। सरलता के प्रतीक शास्त्री जी का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। उनका आत्म निर्भरता और देशसेवा पर अटूट विश्वास था।
2 अक्टूबर का दिन गांधी जी के विचारों,जैसे सत्य,अहिंसा और स्वराज को याद करने और अपनाने का अवसर है। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है,यह दिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों को अपनाने और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और इन महान नेताओं द्वारा किये गए बलिदान को याद करने का दिन है।
संगोष्ठी में मुख्य रूप से जिला प्रशिक्षण प्रभारी देवेंद्र सिंह नरवरिया एडवोकेट,इसाक खान गांधी,मनोज कुमार जैन मामा,उमा सिंह राजावत एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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