ट्रंप की ऐतिहासिक जीत : विश्व शांति की उम्मीद …..
कर्नल देव आनंद लोहामरोड़
सुरक्षा विशेषज्ञ
अमेरिकी चुनाव मे पुतिन को ऐतिहासिक विजय के अंतर्गत 50 राज्यों की 538 में से 295 सीटें मिली हैं, बहुमत के लिए 270 सीटें जरूरी होती हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस 226 सीटें जीत पाईं।अमेरिका और भारत के रिश्ते बाइडेन काल में भी ठीक रहे है मगर अब दोनों देशों के रिश्तों को नरेंद्र मोदी एवं डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत अच्छे संबंधों के कारण अप्रत्याशित मजबूती देखने को मिल सकती है। ट्रंप की ऐतिहासिक विजय के फल स्वरुप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक फैसले एवं दुनिया में युद्ध के माहौल को खत्म करते हुए शांति के समझौते हो सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय एवं भारत की सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दों पर भारत के पक्ष को मजबूती मिलने की उम्मीद बड़ी है।
नाटो & अमेरिका: नाटो में अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठने के साथ रूस से संघर्ष में यूक्रेन की मदद बन्द की जा सकती है। ट्रंप पहले भी साफ कर चुके हैं कि अकेला अमेरिका नाटो का खर्चा नहीं उठा सकता और उम्मीद जताई जा रही है कि यूक्रेन को रूस के साथ अपना युद्ध समाप्त करने के तरीके ढूंढने पर सुझाव दिए जा चुके हैं। नाटो के प्रति ट्रम्प के रुख से पता चलता है कि वह दुनिया में दूसरे इलाकों में चल रहे युद्ध एवं संघर्ष को समाप्त करने के लिए सैन्य समझौतों के लिए सकारात्मक रुख अपना सकते हैं।
क्वाड (QUAD): ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में क्वाड संगठन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्वाड एक मजबूत गठबंधन है। क्वाड का उद्देश्य चीन के प्रभाव एवं विस्तारवाद की नीति को प्रशांत क्षेत्र मैं संतुलित करना है। ऐसे में माना जा रहा है कि नवीनीकृत ट्रम्प प्रशासन चीन की विस्तारवादिक एवं डरने व धमकाने की नीति के खिलाफ निरंतर हथियारों की बिक्री, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त सैन्य अभ्यास के साथ आगे के रक्षा सहयोग को क्वाड देशों के साथ प्राथमिकता देने की उम्मीद है।
रूस-यूक्रेन युद्ध : डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले ही कहा था कि अगर वह इस बार चुनाव जीतते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवा देंगे। ऐसे में उनकी जीत से रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के आसार बन रहे हैं । अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने के वादे पर टिके रहेंगे। वह इसके लिए दोनों देशों को उन्हीं जगहों पर रुकने का प्रस्ताव दे सकते हैं, जहां उनकी सेनाएं अभी मौजूद हैं। हालांकि, ट्रंप की इस कोशिश से रूस को यूक्रेन के क्षेत्र में कब्जा करने में मदद मिलेगी। ट्रंप रूस के राष्ट्रपति पुतिन की यूक्रेन को नाटो सदस्यता नहीं दिए जाने की मांग को भी मांग सकते हैं ।
पश्चिम एशिया:- बेंजामिन नेतन्याहू को ट्रंप की जीत से अधिक अमेरिकी सहायता मिलने की उम्मीद है। ट्रंप इस्राइल और सऊदी अरब के समर्थक रहे हैं। ईरान के मामले में ट्रंप का रुख और कड़ा हो सकता है तथा ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के प्रयास कर सकते हैं। हमास और हिजबुल्ला दोनों को ईरान का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन मिलता रहा है तथा यमन में हूती को भी ईरान का समर्थन मिलता रहा है। ट्रंप पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ उचित करवाई कर कर सकते हैं। यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस को बड़े स्तर पर ईरानी हथियारों पर निर्भर होना पड़ रहा है। ऐसे में इस्राइल को मजबूत करने से ईरान कमजोर पड़ेगा और इसका असर रूस की हथियारों की आपूर्ति पर भी पड़ेगा। ऐसे में ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध में भी इस्राइल के युद्ध को रुकवाने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंध : भारत के नजरिए से उचित दिशा एवं मजबूती मिलने की उम्मीद है। हाल के वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा और सैन्य सहयोग संबंधों की आधारशिला रहे हैं। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर ऐतिहासिक पहल और जेट इंजन के निर्माण के लिए अच ए अल समझौते जैसे रक्षा सौदे बाइडेन प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका संबंधों के कुछ मुख्य आकर्षण रहे हैं।
पाकिस्तान एवं प्रायोजित आतंकवाद : पाकिस्तान आतंक का गढ़ कहा जाता है। जो बाइडन पाकिस्तान पर हमेशा महारबान रहा है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता भी रोक दी थी। इस समय पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खराब है। ऐसे में ट्रंप का फिर से आना पाकिस्तान के लिए हिंदुस्तान मैं आतंकवाद फैलाने के काम करने में एक बड़ी अङचन ही नहीं बल्कि खत्म करने की दिशा में दबाव बना सकता है। भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विश्व पटल पर समर्थन उभरता दिखाई दे रहा है। आतंकवाद विरोधी मोर्चे पर, ट्रम्प का “शांति के माध्यम से शक्ति” दृष्टिकोण भारत के सुरक्षा उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोगी साबित होगा ।
बांग्लादेश : अमेरिकन डीप स्टेट एवं बिडेन प्रशासन पर आरोप लगाते रहे हैं कि उन्होंने बांग्लादेश में तख्ता पलट कर शेख हसीना को हटवा दिया था। बांग्लादेश में सत्ता पलट के बाद हिंदुओं पर बड़ी संख्या में हिंसा एवं भारत विरोधी गतिविधियां देखी जा सकती थी । भारत और हिंदुओं के प्रति ट्रंप के अच्छे दृष्टिकोण के मध्य नजर बांग्लादेश को भारत एवं हिंदू विरोधी गतिविधियों को डीप स्टेट एवं अमेरिकन प्रशासन का समर्थन नहीं मिलने के साथ हालात ठीक होने की उम्मीद लगाई जा सकती है।
पाकिस्तान एवं चीन:- ….
पाकिस्तान: ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी टेरर फंडिंग पर रोक लगा दी थी और ग्रे सूची में डाल दिया था। ट्रंप भारत से हमेशा अच्छे रिश्ते रखने और आतंकवाद व कट्टरवाद के खिलाफ रहे हैं। ट्रंप का दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति चुना जाना भारत के आतंकवाद विरुद्ध प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्र पर और मजबूती मिलने की संभावना है ।
चीन : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन 5 साल तक भारत को आंखें दिखाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जो बाइडन ने एक बार भी इस विवाद को लेकर एक बार भी जिक्र नहीं किया। चीन ने भारत के साथ 1993, 2003, 2006 और 2013 के समझौते एक तरफा तोड़ते हुए मनमानी एवं विस्तारवाद विचार का परिचय देता रहा है। हालांकि हाल ही में भारत और चीन ने अपने तनाव को कम कर लिया है, लेकिन अब चीन के सामने भारत की स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत होगी। क्योंकि ट्रंप की चीन के खिलाफ रणनीति आक्रामक रहने वाली है। अमेरिका अब चीन से अपने व्यापारिक संबंधों को सीमित करेगा और वह भारत के साथ विस्तार दे सकता। ऐसे में भारत को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। ट्रंप का नजरिया भारत के प्रति अच्छा है। हालांकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के साझा लक्ष्य के कारण भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग जारी रहने की उम्मीद है।अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए चीन पर आयात शुल्क बढ़ा सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक एवं दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर विजई होना मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष में युद्धों को समाप्त करने की ओर एक सुनहरी मौका है । डोनाल्ड ट्रंप के दुनिया के प्रभावी एवं ताकतवर देश के राष्ट्रीय अध्यक्षों से व्यक्तिगत केमिस्ट्री एवं मधुर संबंध विश्व में शांति लाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
More Stories
नपाध्यक्ष हेमकुंवर मेवाड़ा ने सौंपे हितग्राहियों को संबल अनुग्रह सहायता राशि के स्वीकृति पत्र
दक्षिण पन्ना वन विभाग का ग्राम विकास में अभिनव प्रयास : सौर ऊर्जा से रोशन हुए 10 गाँव
आष्टा जूनियर त्रिकोणीय सीरीज लेदर बॉल क्रिकेट का हुआ समापन