पोरसा में जन्मे अनिल उपाध्याय को दुबई में द अमेरिकन यूनिवर्सिटी यूएसए ने पीएचडी की मानद उपाधि से किया सम्मानित,,,,,,,
पोरसा,,,,,,,,
पोरसा के ग्राम तरसमा में पैदा हुए अनिल उपाध्याय को उनके सामाजिक कार्य एवं एवं जनता हित में किए जा रहे कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए द अमेरिका यूनिवर्सिटी यूएसए ने श्री उपाध्याय को आज देर रात दुबई में पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया है ,,यह पोरसा एवं मुरैना जिले के लिए गौरव की बात है, इस प्रकार की उपाधि पाना कोई सहज कार्य नहीं है, जो अनिल उपाध्याय को प्राप्त हुआ है,,,,,
,अनिल उपाध्याय“द अमेरिकन युनिवर्सिटी यूएसए” ने सामाजिक कार्यों के लिए दी उपाधि,,श्री उपाध्याय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मेरा लक्ष्य है कि में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करना मेरा लक्ष्य – उपाध्याय
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज हो चुका है नाम
निराश युवाओं के लिए प्रेरणा बने श्री उपाध्याय
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पोरसा ,,भोपाल – भोपाल एवं मुरैना के साथ ही मध्यप्रदेश एवं देश के लिए भी एक बड़ी खुशी की खबर है । गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड, अमेजिंग इंडियन रिकार्ड में नाम करा चुके विश्व रिकार्डधारी, शिक्षाविद् अनिल कुमार उपाध्याय को दुबई में आयोजित हुए एक गरिमामयी समारोह में द अमेरिकन युनिवर्सिटी यूएसए द्वारा पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है । उन्हें यह उपाधि उनके द्वारा सामाजिक कार्यों एवं निशुल्क शिक्षा के लिए प्रदान की गई है। मुरैना की पोरसा तहसील के तरसमा गांव में जन्में एवं भोपाल को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले श्री उपाध्याय को सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है । श्री उपाध्याय ने इस उपलब्धि पर कहा कि उनका चयन यूपीएससी में नहीं हो पाया तो उस दिन एक मां निराश हुई थी, लेकिन मैंने तय किया कि मैं सैकड़ों मांओं को निराश नहीं होने दूंगा और इसके बाद प्रतिज्ञा नाम से मैंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ाना शुरु किया । जिसमें अब तक कई विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में चयनित हो चुके हैं। श्री उपाध्याय ने कहा कि उनका सपना और लक्ष्य नोबेल पुरस्कार प्राप्त करना है ।
जहां आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में पढ़ाई में अच्छे रिजल्ट न आने एवं कैरियर में सफल न होने से निराश होकर कई विद्यार्थी आत्महत्याएं कर रहे हैं वहीं श्री उपाध्याय का विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देना व सामाजिक कार्य करना निश्चिततौर पर बहुत बड़ी बात है। उल्लेखनीय है कि मैहर शहर में आओ जाने मध्यप्रदेश प्रतियोगिता करके विश्व रिकार्ड बनाने वाले एवं निशुल्क शिक्षा के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाने वाले श्री उपाध्याय ने अपनी इस उपलब्धि को अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया है। उल्लेखनीय है कि 10 अक्टूबर 1983 को मुरैना जिले के पोरसा में जन्मे श्री उपाध्याय समाज सेवी हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं । शिक्षा के क्षेत्र में अतुलीय योगदान के लिए श्री अनिल उपाध्याय को मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा विशिष्ट शिक्षक सम्मान, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, शिक्षक सम्मान, शिक्षक रत्न सम्मान से भी सम्मानित कर चुके हैं । भारत सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नेशनल लेटरेसी अवार्ड, बंगलौर की संस्था द्वारा नेशनल फ्री एजुकेशन अवार्ड 2019 समेत लगभग 80 से ज्यादा सम्मान अब तक श्री उपाध्याय को प्राप्त हो चुके हैं । मध्यप्रदेश के कई शहरों जिनमें भोपाल, सागर, विदिशा, सीहोर, रायसेन आदि में श्री उपाध्याय द्वारा 12 से 24 घंटे तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी प्रतिभागियों को लगातार निशुल्क करवाई गई है।
नोट – अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – मोबा. ……………………………..
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