कलयुग में आत्म शुद्धि का इससे बढ़कर कोई दूसरा साधन नहीं- श्रद्धेय सुरेश शरण शास्त्री
कलश शोभा यात्रा का पुष्प वर्षा से हुआ जगह-जगह भव्य स्वागत।
जय नगर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह प्रारंभ।
खंडवा। ध्याना: भगवती वर्ता प्रेत पीडा विनाशनी। जिस तरह धुंधकारी जैसे महा पापी की जिसने दुनिया के कोई भी खराब कर्म नहीं छोड़े। लेकिन गोकर्ण के द्वारा इस सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से स्वर्ग की प्राप्ति हुई। श्रीमद् भागवत से बढ़कर इस कलयुग में आत्मा सिद्धि का कोई दूसरा साधन नहीं है। यह सभी तरह की प्रेत पीडा से भी मुक्ति प्रदान करती है। यह अमृतवाणी वर्षा जय नगर, श्री दादाजी परिसर के आगे सिहाडा रोड आनंद नगर स्थित रामाश्रय प्रांगण में गीता रामायण मंडल अध्यक्ष स्वर्गीय शंकरलाल जायसवाल की पावन स्मृति में जायसवाल परिवार के सहयोग से सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के प्रथम दिवस गुरुवार को चित्रकूटधाम हिंगनघाट के व्यास पीठासीन वाणी भूषण सुरेश शरण शास्त्री ने कथा के माहत्तम का वर्णन करते हुए कहीं। यह जानकारी देते हुए राजेश जायसवाल एवं प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि कथा का श्रवण करवाते हुए व्यास पीठ से कहा कि इसी तरह से महाराज परीक्षित जो पांडवों के वंश में एक मात्र बचें थे लेकिन उन्होंने अपने जीवन में श्रीमद् भागवत कथा को जीवन में उतारा। परीक्षित जी का कहना था कि जिंदगी हम कितने जिए या कितनी लंबी जीये, यह काम की बात नहीं है, लेकिन जिंदगी हम कैसी जीये यह काम की बात है। बुद्धि के दाता गणेश भगवान का चिन्तन करने से काम, क्रोध, मोह, लोभ सब छुट जाता है। श्रीमद् भागवत पांचवा वेद है जिनके श्रवण मात्र से जीव मोक्ष का अधिकारी हो जाता है। प्रथम दिवस दोपहर 3 बजे से कथा का शुभारंभ हुआ। आयोजन के पूर्व प्रात: 11 बजे किशोर नगर स्थित श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर से कथा स्थल तक विशाल कलश शोभा यात्रा बालिकाओं, महिलाओं एवं श्रद्धालुओं की उपस्थिति में बैंड बाजों की सुमधुर लेहरियों एवं भक्तिमय गीतों के साथ कथा स्थल तक निकाली गयी। यात्रा के दौरान कथा के मुख्य यजमान श्री एवं श्रीमती पन्नालाल जायसवाल द्वारा परिवार ने महापुराण को मस्तक पर धारण कर भ्रमण किया। यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा से श्रद्धालु द्वारा भव्य स्वागत किया गया। संगीतमय कथा के दौरान प्रथम दिवस जो पराया दर्द अपनाएं उसे इंसान कहते हैं, किसी के जो काम आए उसे इंसान कहते हैं…, राधे राधे गाया करो कृष्ण नाम रस पिया करो आदि मनमोहक भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। श्रीमद् भागवत कथा माहत्तम का वर्णन, परीक्षित जन्म, मनु कर्दम संवाद का बखान हुआ। श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक बुधवार 17 नवंबर तक होगा। अंतिम दिन हवन यज्ञ पश्चात कथा का विश्राम महाआरती के साथ होगा। आयोजन के दौरान साहित्यकार जगदीशचंद्र चौरे, राजेश शकरगाये, निर्मल मंगवानी, आशीष अग्रवाल, श्री वरिया जी, श्री भगत जी, राजू चतुर्वेदी, राकेश जायसवाल परिवार, ज्योति मंगवानी, भावना वारवडे, ममता राठौर, जानकी अग्रवाल, रचना चंदानी, जय एवं किशोर नगर रहवासीगण आदि सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।
शेख़ आसिफ खंडवा
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