- किशोर नगर में तुलसी विवाह के पूर्व मातृशक्ति ने दी मंगल गीतों की प्रस्तुतियां
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भाव विभोर होकर जमकर झुमी मातृशक्ति
खंडवा। देवउठनी एकादशी के दिन प्रभु श्रीहरि विष्णु जी निद्रा से जागते हैं और परम सती भगवती स्वरूपा मां तुलसी से उनका विवाह होता है। कार्तिक शुक्ल एकादशी और द्वादशी को तुलसी विवाह होता है। जिसमें श्री शालिग्राम और तुलसी का विवाह संपन्न होता है। भगवान् शालिग्राम का पूजन तुलसी के बिना पूर्ण नहीं होता और तुलसी अर्पित करने पर वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। श्री शालिग्राम और भगवती स्वरूपा तुलसी का विवाह करने से सारे अभाव, कलह, पाप, दुःख और रोग दूर हो जाते हैं। तुलसी शालिग्राम विवाह करवाने से हमें वही पुण्य फल प्राप्त होता है जो कन्यादान करने से मिलता है। यह बात किशोर नगर जूनियर एलआईजी स्थिति भगवत कृपा भवन के समीप तुलसी विवाह के पूर्व हिंदू रीति-रिवाज एवं परंपरा अनुसार मंगल गीतों की प्रस्तुतियां देने के लिए उपस्थित क्षेत्र की मातृशक्ति, श्रद्धालुओं को पंडित गुणवंत चौरे (पी गुजराती) ने कही। यह जानकारी देते हुए किशोर नगर रहवासी संघ प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 5 बजे से कई महिलाएं व भक्तगण कार्तिक महात्तम कथा श्रवण एवं आरती के लिये पहुंच रहे हैं। वही यहां प्रथम बार देव उठनी एकादशी को परंपरागत रुप से तुलसी विवाह का अद्भुत आयोजन होगा। तुलसी विवाह के पूर्व मातृशक्ति द्वारा मंगल गीतों की सुंदर प्रस्तुतियां दी गई। भजनों के दौरान भाव विभोर होकर जमकर मातृशक्ति झुमी। सुभाष नगर से अन्नू दुबे, अंगूरी गुजर, किशोर नगर से अनीता चौरे (कथावाचक), जानकी अग्रवाल, संगीता लाड़, अनीता तोमर, वंदना वडवड़े, रंजीता श्रीवाल चौहान, नेहा मंगवानी, जया खांडेल, ममता राठौर, अंजुला चित्तौडें, ज्योति मंगवानी, राजकुमारी गिनारे, माया मुजमेर, कलाबाई यादव, पलक गाठे आदि सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र की माता बहनें उपस्थित थी।
शेख़ आसिफ खंडवा
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