किरण रांका रिपोर्टर
स्वयं में राम भाव लाना ही राम की पुजा है, संत श्री छविराम दास जी
स्माधिलिन् संत श्री श्री 1008 त्यागी बाबा जी के कृपा पात्र शिष्य श्री श्री 108 छविराम दास जी के संतनगरी आष्टा आश्रम में चैत्र प्रतिपदा गुड़ी पड़वा से सीताराम महायज्ञ श्री रामार्चन एवं संगीत मय श्री राम कथा के आयोजन पुर्ण भक्ति भाव से हो रहे है । यज्ञ कृता छविराम दास महाराज ने अपने दिव्य प्रवचन में कहा की हम सब अपनी अपनी व्यस्तताओं में प्रतिदिन तो राम चरित मानस रामायण का पाठ वाचन तो नही कर पाते है परन्तु मोटे मोटे रूप में महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित मानस जो जो श्री राम की मर्यादाये बताई है उस अनुरूप अल्प प्रयास से जीवन यापन किया जा सकता है उससे हम में राम भाव उत्तपन्न होगा जिससे समस्याएं हल की जा सकती है । आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस कमेटी सिहोर एवं नगर पालिका परिषद आष्टा के पुर्व अध्यक्ष कैलाश परमार उपिस्थत रहे श्री परमार ने व्यासपीठ की आरती की तथा आश्रम प्रांगण में भव्य श्री राम दरबार के दर्शन पुज्य छविराम दास जी महाराज के साथ किये। पवित्र पापनाशिनी नदी तट पर सतनगरी आश्रम की व्यवस्थाओ की श्री परमार ने भूरि भूरि प्रशंसा की । शुभ बेला में यज्ञाचार्य पं रमेश चंद्र पाठक महामण्डलेश्वर राम मनोहर दास जी पं कौशल किशोर शास्त्री उपिस्थत थे आसपास के ग्राम बमुलिया भाटी चनखल भौरासा दोनिया शोभाखेड़ी अरनिया राम अरनिया दाउद् बापचा के निवासी गण प्रतिदिन सतनगरी आश्रम के आयोजनों में भक्ति भाव से शामिल हो रहे है





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