मोहन शर्मा न्यूज़24×7 इंडिया गुना
एकल द्वारा पंचमुखी शिक्षा से 1लाख गावों में 30 लाख बच्चे शिक्षा ले रहे हे : सी ए गुप्ता*
*एकल के प्रयासों से अनेक गाँव नशा मुक्त हो चुके हैं और धर्मान्तरण पर रोक लगी है :सी ए गुप्ता*
गुना। पूरा देश स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की गूँज से आह्लादित है, एकल अभियान के माध्यम से एक लाख गाँवों में छह से चौदह वर्ष की आयु के तीस लाख ग्रामीण बालक-बालिकाएँ एकल विद्यालयों में पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास और संस्कार शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दैनिक रूप से दो घंटे चलने वाले एकल विद्यालय के अनोखे पाठयक्रम में गीत, कविता, कहानी, गणित, योग, व्यायाम और खेलों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर अधिक बल दिया जाता है। उक्त बात एकल अभियान के संभाग अध्यक्ष सी. ए. अतुल गुप्ता ने टेकरी हाल में चल रहे पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए कही। एकल अभियान के भाग प्राथमिक शिक्षा प्रमुख विकास जैन नखराली ने बताया की एकल अभियान मध्य भारत भाग के पांच दिवसीय प्राथमिक शिक्षा एवं क्षमता विकास अभ्यास वर्ग के चौथे दिवस इंदौर से पधारे एकल के संभाग अध्यक्ष श्री गुप्ता ने अभ्यास वर्ग का निरीक्षण किया और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर वर्ग में उनको सिखाया गया उसकी जानकारी प्राप्त कर कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। इस मौके पर भाग अध्यक्ष महेश सिंह सोलंकी, एकल अध्यक्ष बुंदेल सिंह यादव, भाग महिला समिति अध्यक्ष आशासिंह रघुवंशी, एकल भाग प्राथमिक शिक्षा प्रमुख विकास जैन नखराली, भाग साहित्य प्रमुख सतीश चतुर्वेदी, भाग प्रशिक्षण प्रमुख विजय सिंह आदिवासी, अंचल अभियान प्रमुख पप्पू सिंह नायक मुख्य रूप से उपस्थित रहे। श्री गुप्ता ने कहा कि भारत के दूरस्थ गाँवों में शहरों की भाँति मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का आज भी अभाव है। एकल के अंतर्गत आरोग्य योजना ने अपनी अनेक स्वास्थ्य सेवाएं इन क्षेत्रों में आरम्भ की हैं। कोरोना महामारी की अवधि में एकल द्वारा ग्रामीण समाज को न केवल जागरूक करने का उत्कृष्ट कार्य किया गया बल्कि लाखों की संख्या में मास्क बनाकर हेल्थ-वर्कर्स और समाज में निःशुल्क वितरित किए। आयुर्वेद की पारम्परिक वनोषधियों के प्रयोग से सामान्य रोगों से बचाव के उपाय आरोग्य के कार्यकर्ताओं से जानकर ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। एकल कार्यकर्ताओं के प्रयासों से सामान्य साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है। ग्राम वैद्य योजना ने ग्रामवासियों को इतना प्रशिक्षित कर दिया है कि वे अब सामान्य स्वास्थ्यगत समस्याओं में शहरों की ओर न देखते हुए घरेलू नुस्खों से उपचार कर लेते हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि भारतीय संस्कृति की समृद्ध परम्पराओं को एकल श्रीहरि सत्संग समिति के कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से संरक्षित कर रहे हैं। अनेक गाँव आज इनके प्रयासों से नशा मुक्त हो चुके हैं। धर्मान्तरण पर रोक लगी है। सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामवासी और वनवासी आज ‘एकल रथ’ के माध्यम से अपनी प्राचीन संस्कृति के गौरवशाली मूल्यों और इतिहास से परिचित हो रहे हैं। ग्राम स्वराज मंच ग्रामीणों को किस प्रकार सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, ग्रामीणों का जीवनस्तर उच्च हो, पर ध्यान केन्द्रित करता है। एकल युवा के माध्यम से युवाओं को जोड़कर उन्हें ग्रामीण परिवेश से परिचित करवाने पर चिंतन होता है ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़कर उनके प्रति अपने कर्तव्यों को पूर्ण कर सकें।
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