ब्यूरो मंगल सिंह सोलंकी





*मंगल सिंह सोलंकी ब्यूरो*
*सौसर* मोहगांव हवेली अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान ज्योतिर्लिंग के पीछे की कहानी: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दैत्य गुरु शुक्राचार्य भगवान भोलेनाथ के अनन्य भक्त थे. उन्होंने सर्पिणी तट पर तपस्या की थी. वह स्थान मंदिर परिसर में है. शुक्राचार्य की तपस्या से भोलेनाथ प्रसन्न हुए तब शुक्राचार्य ने भगवान से कहा मैं केवल माताजी को आपके साथ देखना चाहता हूं, तब भगवान ने अर्द्धनारिश्वर रूप में उन्हें दिखे. उसी दिन से यहां पर अर्धनारीश्वर भगवान ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए शिवलिंग की विशेषता: शक्तिपीठ अर्धनारीश्वर मंदिर का निर्माण महामृत्युंजय मंत्र पर आधारित है, इसलिए इसकी विशेषता और बढ़ जाती है. बताया जाता है कि अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग विश्व के कुछ ही जगहों पर स्थापित है. उनमें से एक सौसर का मोहगांव हवेली है. जहां पर सूर्य देवता सीधे मंदिर के अंदर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं. अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मोहगांव हवेली तहसील सौसर जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में है. सौसर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग शिव और पार्वती का शिवलिंग है. इनका दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
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