इंदौर ब्यूरो वाजिद अली कुरेशी

इंदौर पुलिस की छवि पहले ही दागदार है.. इस पर अब रिश्वतखोरी की स्याही और चढ़ रही है। परदेशीपुरा थाने में हेड कांस्टेबल अनिता सिंह को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा। इस महिला हेड कांस्टेबल ने जमानत कराने के लिए रिश्वत की मांग की थी। ये महिला पुलिस अधिकारी जब रुपये ले रही थी तभी लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
इंदौर पुलिस के रिश्वतखोर होने का मामला नया नहीं है। कई अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पहले भी पकड़ाए हैं। ताजा घटनाक्रम में परदेसीपुरा थाने की हेड कांस्टेबल अनीता सिंह को 2 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा। दरअसल मामला घरेलू विवाद का है। प्रियंका शुक्ला नामक महिला और उनके पति का अपने परिवार के अन्य सदस्यों से विवाद चल रहा है। इन दोनों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। हेड कांस्टेबल अनिता सिंह ने इनकी जमानत के लिए फरियादी प्रियंका से 5 हज़ार रुपए की रिश्वत मांगी। अनिता सिंह ने थाना स्टाफ में रुपये बांटने के लिए ये रिश्वत मांगी। फरियादी पूर्व में 1500 रु दे चुकी थी.. बाद में उसने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की। लोकायुक्त ने ट्रेप बिछाया और इसी रकम में से 2 हज़ार रुपए देना तय किया। जब अनिता सिंह ने ये रुपए लिए तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।
लोकायुक्त पुलिस ने इस रिश्वतखोर महिला पुलिस अधिकारी को पकड़ने के लिए ट्रेप तैयार किया। सुनियोजित तरीके से लोकायुक्त ने इस हेड कांस्टेबल को पकड़ा। रुपये लेते समय जब लोकायुक्त ने इस महिला अधिकारी को पकड़ा तो पहले तो उसे समझ नहीं आया कि क्या हुआ। फिर उसे समझते देर नहीं लगी कि लोकायुक्त ने उसे ट्रेप कर लिया है। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत महिला हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
बहरहाल इस महिला अधिकारी ने इंदौर पुलिस की छवि को और दागदार बना दिया है। ये भ्रष्ट अधिकारी पूरी कार्रवाई के दौरान कोरोना से बचाने वाले मास्क से अपना भ्रष्ट चेहरा छिपाती रही।
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