Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

शेख़ आसिफ़ रिपोर्टर

कवि कला संगम खंडवा का आयोजन।

खंडवा। ककस के तत्वावधान में रचनाकार सुनील चौरे उपमन्यु का काव्य संग्रह “एक चुटकी सिंदूर” का विमोचन व आमन्त्रित रचनाकारों व्दारा रचनापाठ का आयोजन शुभ परिसर में सम्पन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि यतीन्द्र अत्रे प्रकाशक रंग संस्कृति पब्लिकेशन भोपाल व प्रमोद जैन अध्यक्ष सद्भावना मंच, विशिष्ट अतिथि अनिता पिल्लई लायन्स क्लब ग्रेटर, सुनीता तिवारी पूर्व प्राचार्य, गोविंद शर्मा, निर्मल मंगवानी, सुमेर सिंह सोलंकी, नीरज पाराशर, अजय तिवारी, ओम प्रकाश बरोले, प्रफुल मंडलोई, गणेश भावसार, रितेश कपूर उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जगदीशचंद्र चौरे ने की। अतिथियों द्वारा माँ शारदा के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। माँ शारदा की वंदना जयश्री तिवारी एवं रंजना जोशी ने की। स्वागत उद्बोधन तारकेश्वर चौरे ने दिया। स्वागत गीत अरुण पटेल, गोपाल पटेल ने संगीतमय गाया। पश्चात खुशनुमा वातावरण में सभी अतिथियों द्वारा काव्य संग्रह “एक चुटकी सिंदूर” काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। इस अवसर पर नीरज पाराशर सहायक संचालक शिक्षा आदिम जाति विभाग ने उपमन्यु का शाल से अभिनन्दन भी किया। सुनील उपमन्यु ने एक चुटकी काव्य संग्रह की रचना “एक चुटकी सिंदूर” पढ़ी। अपने उद्बोधन में श्री अत्रे ने कहा कि इस संग्रह की एक एक रचना मैंने पढ़ी है ऐसा लगा की रचनाकार उपमन्यु ने सारा दर्द उड़ेल दिया हो। इस अच्छी पुस्तक हेतु उन्हें बधाई। अपने उद्बोधन में प्रमोद जैन ने कहा कि एक चुटकी सिंदूर काव्य संग्रह प्रेम की रचनाओं के साथ विरह वेदना लिए है, ऐसा प्रतीत होता है कि कविता स्वयं से होकर गुजर रही है। डॉ जगदीशचंद्र चौरे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुनील उपमन्यु का अभिनन्दन करते कहा कि यह काव्य संग्रह स्त्री प्रधान होकर, पत्नी प्रेम के वशीभूत है।कश इस खरीद कर आप सब अवश्य पढ़े। सिंधी साहित्यकार निर्मल मंगवानी ने इस काव्य संग्रह को मील का पत्थर बताया। गोविंद शर्मा ने आशीष वचन दे अपनी रचना सुनाई। अजय तिवारी ने भी इस संग्रह को पठनीय बताया। अनिता पिल्लई ने काव्य इस संग्रह को खरीदने हेतु सभी से आव्हान किया। प्रफुल मंडलोई ने कहा कि हास्य विधा वाले उपमन्यु इतनी गम्भीर रचनाओ का संग्रह तभी निकाल पाए है जब वह उस गम्भीरता से झुलसे हो। इस अवसर पर उपस्थित सुमेरसिंह सोलंकी, सुनीता तिवारी, प्रियंका पाठक, रमेशचंद साकल्ले, संजय चौरे, नारायण फरकले, गणेश भावसार आदि ने सम्बोधित करते हुए श्री उपमन्यु को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। पश्चात काव्य रचनाकारों में सर्व श्री नितिन दीवान, सत्यनारायण चौहान, कृष्ण कुमार व्यास, प्रियंक पाठक, सन्तोष चौरे चुभन, अखिलेश मालाकार, अजितेश आर्य, तारकेश्वर चौरे, दीपक चाकरे राजमाला आर्य, सलोनी सेन, कविता विश्वकर्मा, जयश्री तिवारी, रंजना जोशी, वर्षा उपाध्याय ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन दीपक चाकरे “चक्कर” एवं उपस्थितों का आभार नन्दकिशोर मराठा ने माना।