ब्यूरो वाजिद अली कुरेशी


जनसुनवाई में एडीएम राजेश राठौर के समक्ष एक 90 वर्षीय वृद्धा मां रोते बिलखते आई और अपनी व्यथा बताने लगी कि उसके बड़े बेटे और बहू और पूरा परिवार उसके साथ गाली गलौच करते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। एडीएम राजेश राठौर ने तुरंत प्रकरण महिला बाल विकास के वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डा वंचना सिंह परिहार को सौंपा और पूरी जांच कर सहायता करने हेतु आदेशित किया। प्रशासक ने सविस्तार सुना, समझा। वृद्धा हिंसा पीड़ित थी, लेकिन हिंसा का प्रमुख कारण प्रॉपर्टी से संबंधित था, परंतु उसकी परिणिति हो रही थी 90 वर्षीय माँ से दुर्व्यवहार में। डा परिहार ने तुरंत मामले को हाथ में लिया।
प्रशासक डा वंचना सिंह ने इस अपेक्षा से की खून के रिश्तों की लाज शायद परामर्श से बच जाए, मामला परामर्श के लिए परामर्शदात्री सुश्री अल्का फणसे के पास भेजा।
वृद्ध महिला के पति का वर्षों पहले देहांत हो चुका है। वर्तमान में दो बेटे एक ही प्लॉट पर लगकर बने मकानों में रह रहे हैं, परंतु प्रथम तल पर जहां दोनो भाई रहते हैं, घर के सामने कॉमन पोर्च है, जिससे दोनो एक दूसरे के घरों में आ जा सके और मिल सके।
परंतु विगत 5 वर्षों से पिता द्वारा खरीदी गई जमीन पर दोनो का विवाद न्यायालय में है। छोटे भाई का आरोप है बड़े ने NOC बना हुआ गायब कर दिया, जमीन मेरे नाम थी। बड़े का कहना है मांँ ने शपथ पत्र देकर की मेरी एक ही संतान है,जमीन छोटे भाई और मां के नाम से करवा ली, जिसके सबूत भी पेश किए गए। मांँ प्रारंभ से ही छोटे बेटे के साथ रहती है।
परंतु मांँ का दिल तो मांँ का होता है। मांँ विवाद की स्थिति होने पर भी बड़े बेटे के घर चली जाती है। कभी अपेक्षा रखती है की वो भी देखभाल करे और खाने पीने को दे। कभी बड़ी बहू से कह बैठती हैं की तुम् ने टोटका किया जिस वजह से मैं बीमार हूं , अब तुम ही मुझे ठीक करो।
परामर्शदात्री ने भरसक प्रयास किया की बहु समझ सके की
इंसानियत के नाते एक वृद्ध की मानसिक स्थिति को समझकर इन बातों पर दुर्लक्ष किया जाना चाहिए, परंतु बड़ी बहू सास से गाली गलौज, उनसे दुर्व्यवहार करने की बातों को अमान्य करने लगी साथ ही खुदके स्वास्थ्य की दुहाई देने लगी। प्रकरण जन सुनवाई में तब आया जब अति हुई और वृद्धा को धक्का भी दिया और चेहरा पकड़कर झिंझोड़ दिया गया।
परामर्श के दौरान बड़ी बहू जिस तरह से उद्वेलित मानसिकता दर्शा रही थी, छोटे पर आरोप लगा रही थी की वो मां को खाना नहीं देता। मैं इसलिए नहीं देती की छोटे का परिवार कुछ खिला देगा और उन्हे मारने का आरोप मुझपर लगेगा।
वास्तविकता जानने केलिए 90 वर्षीय वृद्धा से अकेले में सविस्तार बात की गई और सच्चाई को आंका गया।
फिर पूरे परिवार को बैठाकर जब सत्र लिया गया तब यह निश्चित तौर पर सामने आया की जमीन का विवाद आपसी रिश्तों को निम्नतम स्तर पर ले जा चुका है।
अतः दोनो भाइयों के घर के कॉमन पोर्च पर पार्टिशन करने पर सहमति बनी, साथ ही तल मंजिल पर दोनो का प्रवेशद्वार भी अलग हो यह तय हुआ, जिससे दोनों परिवार के सदस्यों का सामना सामना ही न हो और अपरिहार्य स्थिति न बने।
तब दोनो भाइयों ने छत पर भी पार्टिशन की मांग स्वयं की।
दोनों भाइयों के कहने पर की घर हमारी जान है ,दीवार खड़ी करने से घर की सुंदरता चली जायेगी
उन्हें अहसास करवाया गया की जब रिश्तों की खूबसूरती ख़त्म हो चुकी है, रिश्ते मार चुके हैं तो घर तो निर्जीव है
डा वंचना सिंह जी ने सभी को आगाह किया की अगर आज के बाद ऐसी कोई शिकायत आती है तो 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है इस बात को याद रखियेगा।
दो माह का समय देकर पुनः वन स्टॉप सेंटर पर आकर समाधान अनुसार पार्टिशन की सूचना देने और फोटो जमा करने की ताकीद दी गई।
इस तरह रिश्तों पर दाग बने इस प्रकरण का हल निकला।
एडीएम राजेश राठौर ने दोनों भाइयों को चेतावनी दी है कि यदि अब वृद्धा के साथ दुर्व्यवहार हुआ तो न्यायलयीन प्रकरण दर्ज कर सजा का प्रावधान किया जा सकेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी:
श्री रामनिवास बुधोलिया
प्रशासक :
डाॅ. वंचना सिंह परिहार
परामर्शदात्री : सुश्री अल्का फणसे
केस वर्कर : सुश्री शिवानी श्रीवास, श्रीमती विनीता सिंह, सुश्री मोनिका
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